टीचर की लात-घूसों से पिटाई जहां उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अपराधियों पर नकेल कसना शुरू की है तो वही सुल्तानपुर जिले में अपराधियों, दबंगों ने सड़क से लेकर प्राथमिक विद्यालयों में अपना कहर ढाना शुरू कर दिया है। ताजा मामला कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के कुछमुछ गांव के प्राथमिक विद्यालय का है। जहां बीते शुक्रवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां एक प्रधानाध्यापिका से रंगदारी मांगी गई, मना करने पर शिक्षिका को लात घूसों से जमकर दबंगो ने पिटाई कर दी। यह सब कुछ देख छोटे-छोटे नौनिहाल कमरे में भाग कर छुप गए। मामला शांत होने के बाद प्रधानाचार्य थाने पहुंची जहां उन्होंने घटना की लिखित तहरीर दी। तहरीर पर पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी।
50 हजार की डिमांड दरअसल मामला थाना कोतवाली देहात क्षेत्र के कुछमुछ गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय का है। जहां किरन शर्मा प्रधानाध्यापिका पद पर तैनात हैं। वह शुक्रवार की सुबह विद्यालय पहुंची और वह विद्यालय की साफ-सफाई कराने के बाद प्रार्थना शुरू ही हुआ था कि इसी बीच एक जाहिद नाम का दबंग व्यक्ति आया और प्रधानाध्यापिका को अपशब्दों का प्रयोग करने लगा और रंगदारी के साथ 50 हजार रुपए की डिमांड की। शिक्षिका के विरोध करने पर आरोपी मारपीट पर आमादा हो गया और जमकर पिटाई कर दी। जिससे वह जमीन पर गिर पड़ी। मौके पर कक्षा में बैठे नौनिहाल सहम गए और वहां से भाग खड़े हुए। सूचना पर पहुंचे प्रधानपति, जब उन्होंने भी इसका विरोध किया तो जाहिद का दूसरा भाई नाहिद ने प्रधानपति पर असलहा लगा दिया और जान से मारने की धमकी दी। पैसा नहीं देने पर विद्यालय में आने पर रोक लगाने की बात कही। विद्यालय के अध्यापकों के सहयोग से प्रधानाध्यापिका थाने पहुंची। जहां थाना प्रभारी को आप-बीती सुनाई।
दोषियों के खिलाफ होगी कठोर कार्रवाई क्षेत्राधिकारी दलबीर सिंह ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विवेचना की जा रही है। आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी। वही विद्यालय में हुई घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। उधर शिक्षिका बेसिक शिक्षा अधिकारी कौस्तुभ कुमार सिंह के साथ विद्यालय पहुँची। प्रधानाध्यापिका किरण शर्मा ने कहाकि जब जब सुरक्षा की गारंटी नहीं हो जाती ,तब तक वे स्कूल पढ़ाने नहीं जाएंगी। शिक्षक संगठन ने भी शिक्षकों की सुरक्षा की गुहार लगायी है। अब लाख टके सवाल यह है कि क्या अब संगीनों के साये में स्कूलों में शिक्षण कार्य सम्पन्न होंगे?