जिलाधिकारी विवेक के आदेश पर अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका ने जिन ठेकेदारों को पालिकाध्यक्ष बबिता जायसवाल ने कार्य दिया था उन 15 ठेकेदारों का पंजीयन सूची रद्द कर दिया। इसे पालिकाध्यक्ष बबिता जायसवाल ने अवमानना की कार्रवाई माना है। डीएम के इस आदेश को पालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल ने नगरपालिका के कार्यों और अधिकारों में सीधे हस्तक्षेप मानते हुए अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका को कारण बताओ नोटिस भेजा है।
ईओ को अवमानना में तलब करने की है तैयारी
बताते चलें कि सुल्तानपुर नगर पालिका अध्यक्ष ने बबिता जायसवाल ने जिन 15 ठेकेदारों को नगरपालिका के कार्यों का ठेका दिया था ,उसे नियम विरुद्ध मानते हुए जिला अधिकारी ने अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका सुल्तानपुर को 14 सितंबर 18 को पत्र लिखा, जिसमें 15 ठेकेदारों का पंजीयन/नवीनीकरण को निरस्त करने का निर्देश दिया गया था। जिसमे डीएम की तरफ़ से यह भी आदेश दिए गए थे कि ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त कर नई पंजीयन/नवीनीकरण की कार्यवाही की जाय। जिलाधिकारी का आदेश मिलते ही अधिशाषी अधिकारी ने 15 ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त कर दिया ।
बताते चलें कि सुल्तानपुर नगर पालिका अध्यक्ष ने बबिता जायसवाल ने जिन 15 ठेकेदारों को नगरपालिका के कार्यों का ठेका दिया था ,उसे नियम विरुद्ध मानते हुए जिला अधिकारी ने अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका सुल्तानपुर को 14 सितंबर 18 को पत्र लिखा, जिसमें 15 ठेकेदारों का पंजीयन/नवीनीकरण को निरस्त करने का निर्देश दिया गया था। जिसमे डीएम की तरफ़ से यह भी आदेश दिए गए थे कि ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त कर नई पंजीयन/नवीनीकरण की कार्यवाही की जाय। जिलाधिकारी का आदेश मिलते ही अधिशाषी अधिकारी ने 15 ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त कर दिया ।
पालिकाध्यक्ष बोलीं ,ईओ को नहीं है यह अधिकार
15 ठेकेदारों के पंजीयन निरस्तीकरण की कार्यवाही को गलत बताते हुए पालिकाध्यक्ष ने इस आदेश को अपने अधिकार का हनन मानते हुए ईओ को अनुशासनात्मक नोटिस चस्पा करवा दी है। नगरपालिका अध्यक्ष का मानना है कि ईओ को ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त करने का अधिकार ही नहीं है तो उन्होंने 15 ठेकेदारों का पंजीयन कैसे निरस्त कर दिया ? उन्होंने कहाकि ईओ द्वारा घोर अनुशासनहीनता बरती गई है। उच्च न्यायालय के आदेश पर उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर लिखा है कि क्यू न ईओ पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाय। पालिकाध्यक्ष ने तीन दिन के अंदर लिखित स्पष्टिकरण न देने पर कठोर कार्यवाही की नोटिस चस्पा करा दी है ।
15 ठेकेदारों के पंजीयन निरस्तीकरण की कार्यवाही को गलत बताते हुए पालिकाध्यक्ष ने इस आदेश को अपने अधिकार का हनन मानते हुए ईओ को अनुशासनात्मक नोटिस चस्पा करवा दी है। नगरपालिका अध्यक्ष का मानना है कि ईओ को ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त करने का अधिकार ही नहीं है तो उन्होंने 15 ठेकेदारों का पंजीयन कैसे निरस्त कर दिया ? उन्होंने कहाकि ईओ द्वारा घोर अनुशासनहीनता बरती गई है। उच्च न्यायालय के आदेश पर उक्त आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर लिखा है कि क्यू न ईओ पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाय। पालिकाध्यक्ष ने तीन दिन के अंदर लिखित स्पष्टिकरण न देने पर कठोर कार्यवाही की नोटिस चस्पा करा दी है ।
अधिशाषी अधिकारी बोले – डीएम का था आदेश
इस प्रकरण में ईओ रविन्द्र कुमार का कहना है कि मेरे द्वारा ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त नही किया गया है । मुझे अपना अधिकार पता है , बस हमने 14 सितंबर 18 को जिला अधिकारी के आये हुए आदेश की कॉपी जिसमे 15 ठेकेदारों को नगरपालिका के कार्यो का ठेका दिया था उसे नियम संगत न मानते हुए 15 ठेकेदारों का पंजीयन/नवीनीकरण को निरस्त किया था। नई पंजीयन/नवीनीकरण की कार्यवाही करने के आदेश दिए गए थे । जिस पर सूचना को नोटिस बोर्ड पर प्रचार प्रसार के लिए लगाया गया है बाकी कुछ नहीं है।
इस प्रकरण में ईओ रविन्द्र कुमार का कहना है कि मेरे द्वारा ठेकेदारों का पंजीयन निरस्त नही किया गया है । मुझे अपना अधिकार पता है , बस हमने 14 सितंबर 18 को जिला अधिकारी के आये हुए आदेश की कॉपी जिसमे 15 ठेकेदारों को नगरपालिका के कार्यो का ठेका दिया था उसे नियम संगत न मानते हुए 15 ठेकेदारों का पंजीयन/नवीनीकरण को निरस्त किया था। नई पंजीयन/नवीनीकरण की कार्यवाही करने के आदेश दिए गए थे । जिस पर सूचना को नोटिस बोर्ड पर प्रचार प्रसार के लिए लगाया गया है बाकी कुछ नहीं है।