करौंदीकला थाना क्षेत्र के दसगरपारा गांव के रहने वाले शोभनाथ उपाध्याय ने अपनी बेटी की शादी जौनपुर के वरपुर लेंदुका गांव निवासी ओमकार दुबे के पुत्र सुधीर दुबे से की थी। शादी तय करते समय लड़के के पिता ने अपने बेटे को पुलिस अधिकारी के रूप में पेश किया था।इतना ही नहीं खुद लड़के ने भी अपने को एक पुलिस अधिकारी ही शो करता रहा। बेटे ,पिता और मध्यस्थ ने झूठ बोलकर शादी तो तय करा दी, लेकिन दुल्हन की विदाई नहीं कर सके क्योंकि उसके पहले ही पोल खुल गई।
खबर के अनुसार लड़के सुधीर ने अपने को पुलिस अधिकारी बताया था। उसके घरवालों ने भी शोभनाथ से यही बताया था। हैरानी की बात तो यह थी कि शादी की मध्यस्थता करने वाले जौनपुर निवासी संजय सिंह ने भी इस झूठ को छिपाए रखा। धूमधाम से बारात आई और शादी की सभी रस्में पूरी हुई। इस दौरान दूल्हे के हावभाव और उठने बैठने के अंदाज से वधू पक्ष के लोगों को कुछ अजीब लगा। इसके बाद उन्हें सुधीर के पुलिस अधिकारी होने पर शक हुआ।
बारात वाले दिन वधू पक्ष के लोग कुछ नहीं बोले लेकिन उन्होंने छानबीन शुरू कर दी।परिजनों ने पता किया तो सुधीर के झूठ का खुलासा हो गया। बारात तो किसी तरह विदा हो गई, लेकिन जब 15 फरवरी को जब सुधीर अपने भाई, मध्यस्थता करने वाले संजय और एक रिश्तेदार के साथ दुल्हन की विदाई कराने पहुंचा तो वधू पक्ष वालों ने उससे सच्चाई पूछ ली। पोल खुलती देख सुधीर ने बताया कि वह पुलिस अधिकारी नहीं बल्कि आबकारी में है। फिर बताया कि संविदाकर्मी है। इतने झूठ सुनकर शोभनाथ उपाध्याय ने बेटी की विदाई करने से मना कर दिया।
विदाई से मना करने पर पूरे दिन पंचायत हुई, लेकिन बात नहीं बनी। मामला बढ़ने पर गुस्साए परिजनों ने पुलिस को खबर दी। मामले की गम्भीरता देख मौके पर पहुंची पुलिस ने धोखेबाज दूल्हे और उसके साथ आए लोगों को हवालात में डाल दिया।