मामले में सुनवाई चली, जिसमें यह बात सामने आयी कि अरुण की पत्नी उसके घर जाने को तैयार है। इसी आधार पर अदालत ने अरुण कुमार को अपनी पत्नी ले जाने के लिए कहा, लेकिन न तो अरुण कुमार अपनी पत्नी को ले गया और न ही इस सम्बंध में कोर्ट में कोई जवाब ही दाखिल किया। विवाहिता के अधिवक्ता अच्छेराम यादव ने वीडीओ अरुण कुमार के जरिये महज दिखावे के लिए कोर्ट में केस दायर किया जाना बताते हुए खारिज करने की मांग की।
पक्षों को सुनने के पश्चात प्रधान न्यायाधीश आनंद प्रकाश ने पति की तरफ से दायर की गयी विदाई की अर्जी को हाईकोर्ट की तर्ज पर दस हजार का हर्जाना लगाते हुए खारिज कर दिया है। अदालत के इस फैसले से गलत तथ्यों के आधार पर महज दिखावे के लिए मुकदमा दायर करने वाले पति को सबक मिली है।