सख्त कार्यवाई के निर्देश दिए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर अपराधियों के विरुद्ध भले ही अभियान चलाया हो लेकिन सुल्तानपुर पुलिस पर उनके इस अभियान का कोई असर नहीं दिखाई पड़ रहा है। नगर के केन्द्रीय विद्यालय से चार माह पूर्व लापता हुई कक्षा-9 की छात्रा अदिति वर्मा का पुलिस आज तक पता नहीं लगा सकी है। मामले के प्रति संवेदनहीन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज होने के वावजूद आज तक विद्यालय प्रबंधन से पूछताछ नहीं की। पुलिस की उदासीनतापूर्ण रवैये से तंग आकर पीडि़त पिता ने सोमवार को जिलाधिकारीं संगीता सिंह से मिलकर जब आप बीती सुनाई तो जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को मामले में उदासीनता दिखाने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाई के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं व बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर अपराधियों के विरुद्ध भले ही अभियान चलाया हो लेकिन सुल्तानपुर पुलिस पर उनके इस अभियान का कोई असर नहीं दिखाई पड़ रहा है। नगर के केन्द्रीय विद्यालय से चार माह पूर्व लापता हुई कक्षा-9 की छात्रा अदिति वर्मा का पुलिस आज तक पता नहीं लगा सकी है। मामले के प्रति संवेदनहीन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज होने के वावजूद आज तक विद्यालय प्रबंधन से पूछताछ नहीं की। पुलिस की उदासीनतापूर्ण रवैये से तंग आकर पीडि़त पिता ने सोमवार को जिलाधिकारीं संगीता सिंह से मिलकर जब आप बीती सुनाई तो जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को मामले में उदासीनता दिखाने वाले पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाई के निर्देश दिए।
कोतवाली नगर थाना क्षेत्र के गभडिय़ा पुलिस चौकी के अमहट केंद्रीय विद्यालय की छात्रा अदिति वर्मा 28 अक्टूबर 2017 को स्कूल से ही लापता हो गई थी। छात्रा के पिता केन्द्रीय विद्यालय अमहट से मात्र तीन सौ मीटर दूर महुअरिया मोहल्ले में किराए का कमरा लेकर रहते हैं। अदिति घर से पैदल ही स्कूल से आती-जाती थी। अम्बेडकर नगर के सदरपुर मोहल्ले की मूल निवासी अदिति के पिता अमरनाथ वर्मा अमेठी जिले के दसईपुर जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं।
चुनाव में व्यस्तता की बात कहकर सुनवाई से टाल गए 28 अक्टूबर को शाम जब अदिति घर नहीं पहुँची तो पीडि़त पिता ने घटना की जानकारी नगर कोतवाली पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने जांच की बात कहकर टाल दिया। बाद में जब घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई तो 29 अक्टूबर को नाबालिग छात्रा के अपहरण का मुकदमा अज्ञात लोगों के विरुद्ध दर्ज तो कर लिया गया, लेकिन पुलिस ने किसी भी कार्यवाई में रूचि नहीं दिखाई। पीडि़त पिता ने जब मुकदमे के विवेचक चौकी इंचार्ज उमाकांत मिश्रा से विद्यालय में जांच पड़ताल के लिए आग्रह किया तो वह नगरपालिका चुनाव में व्यस्तता की बात कहकर सुनवाई से टाल गए। एस पी अमित वर्मा भी चुनाव बाद कार्यवाई का अश्वासन दिया।
विज्ञापन आदि के माध्यम से पता लगाता भटक रहा है चुनाव संपन्न होने के बाद पीडि़त पिता ने जब 2 दिसंबर को एक बार फिर एसपी से मुलाकात कर कार्यवाई की मांग की तो उन्होंने नगर क्षेत्राधिकारी श्यामदेव को कार्यवाई का आदेश दिया, तो उन्होंने विवेचक गभडिय़ा चौकी प्रभारी को छात्रा को बरामद करने का निर्देश दिया, जिसके बाद पीडि़त पिता अपनी नाबालिग बेटी की तलाश के लिए मुख्यमंत्री, डीजीपी समेत पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पत्रों के माध्यम से अवगत कराता रहा, लेकिन उसकी एक न सुनी गई, बल्कि वह लखनऊ, वाराणसी, फैजाबाद समेत कई जिलों में पोस्टर, विज्ञापन आदि के माध्यम से पता लगाता भटक रहा है।