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बड़ा फैसला! यूपी के इन नेताओं के खिलाफ अब हाईकोर्ट में नहीं, इस कोर्ट में चलेगा मुकदमा

locationसुल्तानपुरPublished: Sep 05, 2019 03:04:01 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– सांसद-विधायकों और अन्य माननीयों के 28 मुकदमों पर हो रही है सुनवाई- हाईकोर्ट ने ट्रांसफर किये केस, एडीजे प्रथम को विशेष न्यायाधीश का मिला अतिरिक्त प्रभार

High Court decisions

एडीजे प्रथम को विशेष न्यायाधीश का मिला अतिरिक्त प्रभार

सुलतानपुर. विधायक व सांसदों एवं अन्य माननीयों से जुड़े मुकदमों को अब हाईकोर्ट के बजाय जिला न्यायालय में ही सुना जायेगा। इसके लिए एडीजे प्रथम को अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुए हाईकोर्ट ने सारी पत्रावलियां ट्रांसफर कर दी हैं। अब एडीजे प्रथम की अदालत में माननीयों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की सुनवाई होगी। गौरतलब है कि सुलतानपुर व अमेठी जनपद को मिलाकर विधायक, सांसद व अन्य माननीयों से जुड़े कुल 28 मुकदमे विचाराधीन है। इन मामलों को कुछ महीने पहले हाईकोर्ट के निर्देशन में स्पेशल रूप से गठित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में जिला न्यायालय से स्थानान्तरित कर दिया गया था। तब से इन मुकदमों की सुनवाई इलाहाबाद स्थित विशेष अदालत में ही चल रही थी, लेकिन अब हाईकोर्ट ने अपने इस फैसले में परिवर्तन करते हुए माननीयों से जुड़े सभी मुकदमों को फिर से जिला न्यायालय में ही सुनवाई के लिए ट्रांसफर कर दिया है।
मालूम हो कि दोनों जिलों को मिलाकर मौजूदा लम्भुआ से भाजपा विधायक देवमणि दूबे, सदर से भाजपा विधायक सीताराम वर्मा, गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह, पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू, पूर्व सपा विधायक अनूप संडा, पूर्व सपा विधायक अरुण वर्मा, पूर्व सपा विधायक संतोष कुमार पांडेय, पवन पांडेय, पूर्व सांसद ताहिर खां, वर्तमान राज्यसभा सांसद संजय सिंह, पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, जंग बहादुर सिंह समेत अन्य माननीयों के खिलाफ कुल 28 मुकदमे दर्ज हैं, जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मामलों का विचारण चल रहा है।
एडीजे प्रथम को अतिरिक्त प्रभार
अब इन मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट के निर्देशन में जिला न्यायालय में ही होगी। इसके लिए एडीजे प्रथम को विशेष न्यायाधीश एमपी-एमएलए का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। हाईकोर्ट से केस ट्रांसफर होने के बाद पहले ही दिन दस मुकदमे सुनवाई के लिए लगाये गये थे। इनमें माननीयों की तरफ से स्वयं उपस्थित होने के बजाय अधिवक्ता के माध्यम से अर्जियां प्रस्तुत की गयीं। हाईकोर्ट के इस फैसले से अब इन मुकदमों के गवाहों को केस की पैरवी करने समेत अन्य कार्यवाहियों में काफी हद तक राहत मिलेगी।

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