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पुलिसिया जुल्म की जांच करेगा मानवाधिकार आयोग

locationसुल्तानपुरPublished: Mar 10, 2018 04:07:49 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

हाईकोर्ट ने दिया आदेश, पुलिस अभिरक्षा में अधिवक्ता की पिटाई का मामला। सीजेएम ने एसपी को दिया अधिवक्ता की रिहाई का आदेश।

High court
सुल्तानपुर. …और अन्तत: पुलिस अपने ही बुने जाल में फंस गई। अब अधिवक्ता पर हुए पुलिसिया बर्बरता की हाई कोर्ट के आदेश पर मानवाधिकार आयोग जांच करेगा और जांच रिपोर्ट 6 सप्ताह में उच्च न्यायालय को सौंपेगा।
पुलिस अभिरक्षा में अधिवक्ता की पिटाई के मामले में हाईकोर्ट ने भी पुलिस के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है। हाईकोर्ट ने मामले में मानवाधिकार आयोग को आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांचकर छ: सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
मालूम हो कि मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र के ऊंचगांव निवासी अधिवक्ता राघवेन्द्र द्विवेदी को बीते 26 फरवरी के दिन नाटकीय ढ़ंग से मुसाफिरखाना पुलिस ने हिरासत में लिया और पुलिस अभिरक्षा में पिटाई कर अगले दिन कोर्ट में पेश किया। सीजेएम कोर्ट में रिमांड के दौरान वकीलों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए पुन: मेडिकल की मांग की और कोर्ट के आदेश पर पुन: जिला अस्पताल में मेडिकल हुआ तो पुलिस की सारी करतूत ही सामने आ गई। नतीजा यह रहा कि अधिवक्ता को पुन: हुए मेडिकल में कई चोटे पाई गईं और उन्हें इलाज के लिए ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया गया। जहां पर उनका इलाज चल रहा है। इस मामले में अधिवक्ता को सेशन कोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है। जिनके रिहाई आदेश पर जेल में दाखिल न होने की रिपोर्ट आने के चलते बचाव पक्ष की मांग पर सीजेएम सपना शुक्ला ने एसपी अमेठी को शुक्रवार को अधिवक्ता की रिहाई के लिए आदेशित भी किया है।
उपलब्ध कराने का आदेश दिया है

इस मामले में पुलिसिया उत्पीडऩ को लेकर राघवेन्द्र की तरफ से हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई के पश्चात न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की डबल बेंच ने पुलिसिया कार्यशैली पर संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांचकर उचित कार्यवाही करते हुए छ: सप्ताह में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। मामले में सुनवाई के लिए आगामी 25 अप्रैल की तिथि तय की गई है। हाईकोर्ट ने इस कार्यवाही को जल्द से जल्द आगे बढ़ाने के मद्देनजर रजिस्ट्रार को याचिका व आदेश की प्रति मानवाधिकार आयोग के सचिव को उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
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