गौरतलब है कि कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित अवंतिका फूड माल के मालिक व भाजपा नेता आलोक आर्या पर बीते 29 जुलाई को असलहों से लैस बदमाशों ने फायरिंग कर जानलेवा हमला किया। मामले में आरोपी सत्य प्रकाश सिंह,रमन सिंह,सौरभ सिंह नामजद हुए। तफ्तीश के दौरान हिस्ट्रीशीटर राहुल धुरिया,रीशू उर्फ देवांश सिंह,अतुल सिंह,मनोज सिंह,सिराज अहमद व जलीस अहमद उर्फ फिरोज का नाम प्रकाश में आया। मामले में जलीस के खिलाफ लगे आरोपों को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। सिराज को छोड़कर शेष आरोपी मामले में पहले ही जेल जा चुके हैं। सिराज को हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे मिला था। फिलहाल हाईकोर्ट के आर्डर में विवेचना के दौरान बढ़ी धारा 109 भादवि की धारा का जिक्र नहीं किया गया था। इसका फायदा उठाते हुए पुलिस ने नाटकीय ढंग से आरोपी सिराज को कोतवाली बुलवाया और उसकी गिरफ्तारी दर्शाते हुए सीजेएम कोर्ट में पेश किया।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी गिरफ्तारी पर उठा सवाल
सिराज की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए बचाव पक्ष ने जमकर विरोध जताया और रिमांड खारिज करने की मांग की। वहीं अभियोजन अधिकारी विजय कुमार सरोज ने हाईकोर्ट के आर्डर में दर्शाये गये तथ्यों का जिक्र करते हुए आरोपी सिराज की गिरफ्तारी को जायज बताया और उसे काफी दिनों से वांछित रहने का भी तर्क पेश किया। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात सीजेएम आशारानी सिंह ने आरोपी की रिमांड के लिए पर्याप्त आधार पाते हुए अभियोजन पक्ष की अर्जी स्वीकार कर ली और आरोपी सिराज को जेल भेजने का आदेश दिया। वहीं बचाव ने पक्ष पुलिस की कार्यशैली को अवमानना की श्रेणी में बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की बात कही है।