हजारों टन पत्थर का अवैध कारोबार जानकारी के अनुसार पोकरण क्षेत्र के पुरोहितसर, सत्तासर, गोमट आदि क्षेत्र में कुछ खानों के वैध पट्टे दिए गए है। इसके अलावा यहां कई खानें बिना पट्टे के अवैध रूप से भी चल रही है, जबकि एकां गांव व हाजियों की ढाणी के पास स्थित लगभग सभी खानें अवैध रूप से चल रही है। यहां प्रतिदिन यहां प्रतिदिन सैंकड़ों टन पत्थर अवैध रूप से निकालकर बेचने का कारोबार चल रहा है। इसके अलावा भाखरी गांव स्थित गोचर व गांव की नीम्बली नाडी के आगोर में जमकर अवैध खनन हो रहा है। यहां सैंकड़ों बीघा भूमि पर गहरे गड्ढ़े हो गए है। जिससे गांव की नाडी में बारिश के दौरान पानी की आवक में रुकावट हो रही है। यहां जेसीबी व पत्थर काटने की अन्य बड़ी मशीनें लगाकर खनन कार्य किया जा रहा है। भाखरी व एकां के ग्रामीणों ने बताया कि इस संबंध में कई बार उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, हल्का पटवारी को सूचित किया गया, लेकिन उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बिना पट्टे व लीज के भी दर्जनों खानों में अवैध खनन किया जा रहा है, लेकिन यहां खनन विभाग की कोई चौकी स्थापित नहीं होने तथा अधिकारियों की ओर से भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाए जाने के कारण यहां भी भारी मात्रा में अवैध खनन चल रहा है। जिससे राज्य सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपए की राजस्व हानि हो रही है। पोकरण कस्बे के उत्तर की तरफ कैलाश टेकरी की तलहटी व पहाड़ी के ऊपर भी धड़ल्ले से अवैध खानों से पत्थर निकालकर बेचा जा रहा है। इसी प्रकार आशापुरा क्षेत्र में भी गत लम्बे समय से अवैध रूप से धड़ल्ले से अवैध खनन चल रहा है। अवैध खननकारियों की ओर से यहां से पत्थर व कंकरीट निकालकर बेचने का कार्य किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने की अवैध खनन रोकने की मांग ग्राम पंचायत डिडाणिया क्षेत्र के पुरोहितसर, सत्तासर, बारठ का गांव क्षेत्र के भाखरी आदि गांवों के लोगों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन प्रेषित कर बताया कि इन गांवों में लम्बे समय से यहां अवैध खनन कार्य हो रहा है तथा ट्रैक्टर व ट्रक मालिक दिन रात यहां से पत्थर व कंकरीट परिवहन कर ले जा रहे है। ग्रामीणों ने बताया कि खनन माफिया दिन रात अवैध खनन व उसका परिवहन कर एक तरफ राज्य सरकार को चूना लगा रहा है। दूसरी तरफ खनन कार्य के चलते जगह-जगह गहरे गड्ढ़े हो रहे है, जो क्षेत्र के किसानों के खेतों में जलग्रहण के लिए भी नुकसानदेह साबित हो रहे है। उन्होंने अवैध खनन कार्य रुकवाने की मांग की है।