मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र से जुड़ा है। जहां पर हुई घटना का जिक्र करते हुए अभियोगी ने अगस्त 2018 में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी नाबालिग बेटी का आरोपी आसमान व उसके चार अज्ञात साथियों ने अपहरण कर कहीं गायब करा दिया है। लड़की के पिता ने अनहोनी की भी आशंका जताई है। इस मामले में अपहरण व एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है।
कई महीनों की तफ्तीश के बाद भी न तो पुलिस गायब किशोरी की बरामदगी कर पाई और न ही नामजद आरोपियों के खिलाफ ही कोई कार्रवाई कर सकी है। इस मामले में पुलिस की लचर विवेचना को लेकर पीड़ित पक्ष की तरफ से कोर्ट में मॉनिटरिंग अर्जी दी गई है। अभियोगी के अधिवक्ता पूर्व एडीजीसी रामखेलावन यादव ने सीओ विजयमल सिंह यादव की तफ्तीश पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की मांग की। जिस पर कड़ा रूख अपनाते हुए अदालत ने सीओ लम्भुआ को विगत पेशियों पर ही केस डायरी के साथ व्यक्तिगत रूप से तलब होने का आदेश दिया था। फिलहाल सीओ बार-बार किसी न किसी बहाने कोर्ट का सामना करने से परहेज करते दिख रहें हैं।
बीते 30 सितम्बर को अदालत ने गैर हाजिर रहने पर सीओ के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी भी दी थी। गुरूवार को पेशी पर सीओ गैर हाजिर रहे, लेकिन उन्होंने अपनी गैर हाजिरी के सम्बंध में स्पष्टीकरण व सम्बंधित केस से जुड़े अभिलेख कोर्ट में भिजवाए थे। जिसकी अदालत ने मानिटरिंग की। फिलहाल अब भी उन्हें तलब होने सम्बन्धी आदेश से राहत नहीं मिली है। स्पेशल जज उत्कर्ष चतुर्वेदी ने उन्हें 19 अक्टूबर के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब होने का आदेश जारी किया है।