डीएम तक पहुंची जांच शिकायत पर डीएम विवेक ने प्रारम्भिक जांच कराया था तो चौकाने वाला मामला उजागर हुआ था, जिसमें 40 लाख रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया था, लेकिन इसमें और अधिक घोटाले की आशंका और कई अन्य अधिकारियों कर्मचारियों की भूमिका होने के सबूत पर डीएम ने प्रमुख सचिव श्रम को पत्र लिखकर विस्तृत जांच कराने का अनुरोध किया था। जिस पर प्रमुख सचिव ने इस कफन घोटाले की तह तक जाने और रकम घोटाले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया।
यह है कफन घोटाले की जांच टीम प्रमुख सचिव सुरेश चन्द्रा ने कफ़न घोटाले की जांच के लिए जाँच टीम बना दी। जिसमें डिप्टी लेबर कमिश्नर कानपुर , लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर और मुख्यालय से एक डिप्टी कमिश्नर शामिल हैं। यह जांच टीम जिले पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। जिसमें प्रारम्भिक जांच में ही 2 करोड़ रुपए 25 लाख रुपए के घोटाले का पता चला है। इस जांच टीम की अब तक की जांच में 100 पंजीकृत मजबूर ऐसे हैं जो मर गए हैं और उनके परिवार को आठ आने भी नही मोले हैं।
सवा दो लाख रुपए दी जाती है सहायता राशि श्रम विभाग द्वारा संचालित निर्माण कामगार मृत्यु अंत्येष्टि सहायता योजना में पंजीकृत मृतक कामगार (मजदूर) के परिजनों को दो बार आर्थिक सहायता दी जाती है। मृतक मजदूरों (कामगारों) की अंत्येष्टि के लिए 25 हजार रुपए तत्काल तथा सहायता प्रदान करने के लिए दो लाख रुपए दिये जाते हैं। यह धनराशि सीधे बैंक खातों में भेजी जाती है।
तीन अधिकारियों की बनी है जांच टीम प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा के अनुसार डीएम सुलतानपुर के पत्र पर कानपुर के डिप्टी लेबर कमिश्नर को जान टीम का अगुआ नामित किया गया है, दोषी बचेंगे नहीं।