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यहां हुआ सवा दो करोड़ रुपए का कफन घोटाला, जांच टीम को मिले बड़े सबूत

locationसुल्तानपुरPublished: Jul 15, 2018 12:57:41 pm

कफन घोटाले की तह तक जाने और रकम घोटाले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया…

Kafan Ghotala in Sultanpur UP news

यहां हुआ सवा दो करोड़ रुपए का कफन घोटाला, जांच टीम को मिले बड़े सबूत

सुलतानपुर. जिले में श्रम विभाग में निर्माण कामगार मृत्यु अंत्येष्टि और सहायता योजना के तहत पंजीकृत मजदूरों के अंतिम संस्कार के तहत हुए कफन घोटाले का दायरा बढ़ता जा रहा है। जिलाधिकारी विवेक के पत्र के क्रम में प्रमुख सचिव श्रम की ओर से 3 सदस्यों वाली गठित जांच टीम को अभी तक 2 करोड़ रुपए के घोटाले का सबूत मिल चुका है।
श्रम विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा पंजीकृत मजदूरों के अंतिम संस्कार और उनके क्रियाकर्म के लिए मिलने वाले सहायता राशि के पैसों को उनके परिवार को न देकर दलालों के माध्यम से खुद डकार लिया जाता था।
डीएम तक पहुंची जांच

शिकायत पर डीएम विवेक ने प्रारम्भिक जांच कराया था तो चौकाने वाला मामला उजागर हुआ था, जिसमें 40 लाख रुपये से अधिक का घोटाला सामने आया था, लेकिन इसमें और अधिक घोटाले की आशंका और कई अन्य अधिकारियों कर्मचारियों की भूमिका होने के सबूत पर डीएम ने प्रमुख सचिव श्रम को पत्र लिखकर विस्तृत जांच कराने का अनुरोध किया था। जिस पर प्रमुख सचिव ने इस कफन घोटाले की तह तक जाने और रकम घोटाले की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर जांच का आदेश दिया।
यह है कफन घोटाले की जांच टीम

प्रमुख सचिव सुरेश चन्द्रा ने कफ़न घोटाले की जांच के लिए जाँच टीम बना दी। जिसमें डिप्टी लेबर कमिश्नर कानपुर , लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर और मुख्यालय से एक डिप्टी कमिश्नर शामिल हैं। यह जांच टीम जिले पर पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। जिसमें प्रारम्भिक जांच में ही 2 करोड़ रुपए 25 लाख रुपए के घोटाले का पता चला है। इस जांच टीम की अब तक की जांच में 100 पंजीकृत मजबूर ऐसे हैं जो मर गए हैं और उनके परिवार को आठ आने भी नही मोले हैं।

सवा दो लाख रुपए दी जाती है सहायता राशि

श्रम विभाग द्वारा संचालित निर्माण कामगार मृत्यु अंत्येष्टि सहायता योजना में पंजीकृत मृतक कामगार (मजदूर) के परिजनों को दो बार आर्थिक सहायता दी जाती है। मृतक मजदूरों (कामगारों) की अंत्येष्टि के लिए 25 हजार रुपए तत्काल तथा सहायता प्रदान करने के लिए दो लाख रुपए दिये जाते हैं। यह धनराशि सीधे बैंक खातों में भेजी जाती है।
तीन अधिकारियों की बनी है जांच टीम

प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा के अनुसार डीएम सुलतानपुर के पत्र पर कानपुर के डिप्टी लेबर कमिश्नर को जान टीम का अगुआ नामित किया गया है, दोषी बचेंगे नहीं।
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