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कजरी तीज: ऐसे मनायें भगवान शिव व माता पार्वती को, पूरी होंगी सभी मनोकामना

locationसुल्तानपुरPublished: Aug 29, 2018 11:05:32 am

कजरी तीज का त्योहार आज है। अवध क्षेत्र में इस त्योहार को कजरिया तीज भी कहते हैं।

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कजरी तीज: ऐसे मनायें भगवान शिव व माता पार्वती को, पूरी होंगी सभी मनोकामना

सुलतानपुर. कजरी तीज का त्योहार आज है। अवध क्षेत्र में इस त्योहार को कजरिया तीज भी कहते हैं। बताया जाता है कि हिन्दू त्योहारों में कजरी तीज एक ऐसा त्यौहार है जो सुहागिन महिलाओं और अविवाहित लड़कियों ( कुंवारियों )के लिए समान रूप से शुभ एवं इच्छित फलदायी होता है।

भादों मास की कृष्णपक्ष तृतीया को मनाते हैं कजरी तीज
कजरी तीज हर साल भादो मास में कृष्णपक्ष तृतीया को मनाई जाती है। वैसे देखा जाय तो हिंदू धर्म में साल में 3 बार तीज का त्योहार मनाया जाता है। पहली हरतालिका तीज, दूसरी हरियाली तीज और तीसरी कजरी तीज है । इस बार कजरी तीज का त्योहार 29 अगस्त 2018, बुधवार के दिन मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में मान्यता है कि कजरी तीज के दिन पूजा अर्चना करने और व्रत रखने से सुहागिनों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है, जबकि कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर का आर्शीवाद मिलता है।

इसी दिन पार्वती ने भगवान भोले को किया था प्राप्त

माना जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया था। इस दिन संयुक्त रूप से भगवान शिव और पार्वती की उपासना करनी चाहिए। इसीलिए हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है और साथ ही सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है। घर में कलह दूर होती है।

यह व्रत रखने से शीघ्र विवाह होने का बनता है योग

वास्तव में तीज का संबंध शीघ्र विवाह से ही है। अविवाहित कन्याओं को इस दिन उपवास रखकर गौरी की पूजा विशेष रूप से करनी चाहिए। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से कुंडली में कितने भी बाधक योग क्यों न हों, इस दिन की पूजा से नष्ट किए जा सकते हैं और मनचाहा कार्य निर्विघ्न सम्पन्न होता है। इसका सम्पूर्ण लाभ तभी होगा, जब अविवाहिता इस उपाय को स्वयं करें।

ऐसे प्रसन्न होते हैं भगवान शिव और मां पार्वती

इस दिन अविवाहित लड़कियों के लिए व्रत रखने के लिए श्रृंगार करके ही उपवास रखना चाहिए। कुंवारियों को श्रृंगार में मेहंदी जरूर लगानी चाहिए तथा चूड़ियों का प्रयोग करना चाहिए। सायंकाल शिव मंदिर जाकर भगवान शिव और मां पार्वती की उपासना करनी चाहिए। वहां पर घी का बड़ा दीपक जलाना चाहिए। संभव हो और भगवान शिव का मंत्र यदि शुद्ध रूप से कण्ठस्थ हो तो मां पार्वती और भगवान शिव के मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। पूजा खत्म होने के बाद किसी सौभाग्यवती स्त्री को सुहाग की वस्तुएं दान करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

इस दिन यह न करें महिलाएं

इस त्यौहार के दिन सुहागिन महिलाओं एवं कुंवारी कन्याओं को काले और सफेद वस्त्रों का प्रयोग करना वर्जित माना जाता है। काले और सफेद वस्त्रों को धारण करना अशुभ, अपशकुन माना गया है। इस दिन हरा और लाल रंग का वस्त्र धारण करना सबसे ज्यादा शुभ और फलदायक होता है।

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