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सुलतानपुर में कांटे की टक्कर, गठबंधन प्रत्याशी से पीछे भाजपाकी मेनका

locationसुल्तानपुरPublished: May 23, 2019 02:36:47 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

रूझानों के मुताबिक भाजपा की दमदार नेता मेनका गाँधी को टक्कर दिया है गठबंधन प्रत्याशी चंद्रभद्र सिंह सोनू ने

menka gandhi and chandrabhan singh

सुलतानपुर में कांटे की टक्कर, गठबंधन प्रत्याशी से पीछे भाजपा

सुलतानपुर. उत्तर परदेश की सुलतानपुर लोकसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर है। रूझानों के मुताबिक भाजपा की दमदार नेता मेनका गाँधी को टक्कर दिया है गठबंधन प्रत्याशी चंद्रभाद्र सिंह सोनू ने। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक चंदर्भान सिंह को 94759, मेनका गांधी को 90236 और कांग्रेस से संजय सिंह 7837 वोट हासिल हुए हैं। बता दें इस सीट से भाजपा ने वरुण गांधी की जगह उनकी मां मेनका को प्रत्याशी बनाया है।
मेनका गांधी – बीजेपी – 109599

चन्द्रभद्र सिंह – बसपा – 109190

डॉ संजय सिंह – कांग्रेस – 8764

2014 में वरुण गांधी सुलतानपुर से जीतकर सांसद बने थे। उन्हें तब 4,10,348 वोटों से जीत मिली थी। बीएसपी के पवन पांडे को 2,31,446 और समाजवादी पार्टी के शकील अहमद 2,28,144 वोट मिले थे।
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले मेनका गांधी के एक बयान से राजनीतिक गलियारों से हलचल मच गई थी। उन्होंने सुलतानपुर में जनसभा को संबोधित कर वहां के मुस्लिम बहुल्य इलाके तुराबखानी में मुस्लिमों को वोट के लिए धमकाने का प्रयास किया। अगर कोई मुस्लिम साथ न दे और बाद में काम के लिए किसी काम के लिए आता है, तो उन्हें भी अच्छा नहीं लगता।
चंद्रभद्र सिंह का राजनीतिक करियर

सुलतानपुर संसदीय क्षेत्र से गठबंधन प्रत्याशी बनाए गए चन्द्रभद्र सिंह सोनू के पिता पूर्व विधायक इन्द्रभद्र सिंह की हत्या के बाद गठबंधन प्रत्याशी चन्द्रभद्र सिंह सोनू को समाजवादी पार्टी ने इसौली विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2002 में अपना प्रत्याशी बनाया। उसके बाद एक बार फिर सपा के टिकट पर वर्ष 2007 में विधायक बने। वर्ष 2009 में उन्होंने सपा विधायक के पद से इस्तीफा देकर बसपा ज्वाइन किया और उपचुनाव में बसपा के टिकट पर जीत हासिल कर पुनः विधायक बने। वर्ष 2012 में बसपा से टिकट नहीं मिलने पर वे पीस पार्टी के टिकट पर सुलतानपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े, जिसमें उन्हें पराजय का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद सोनू सिंह ने 2014 में भाजपा ज्वाइन कर ली। उसके बाद उन्होंने 2018 के आखिरी महीने में एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी ज्वाइन कर हाथी पर सवार होकर लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं।
गठबंधन प्रत्याशी चन्द्रभद्र सिंह सोनू के पिता पूर्व विधायक इन्द्रभद्र सिंह की हत्या संत ज्ञानेश्वर के चेलों ने 21 जनवरी 1999 में दीवानी न्यायालय के समीप बम मारकर कर दी थी । उसी के बाद चन्द्रभद्र सिंह का राजनीतिक सफर शुरू हुआ था।
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