मेनका गांधी सोमवार से अपने संसदीय क्षेत्र सुलतानपुर के तीन दिवसीय दौरे पर थीं। इस बीच उनके पास बनारस के एक कुत्ते के बच्चे को लाया गया, जिसकी दोनों आंखें नहीं थी। जन्मजात अंधे इस कुत्ते की बनारस के लोग देखभाल करने में सक्षम नहीं थे। जब इन लोगों को जानकारी हुई कि सांसद मेनका गांधी अपने संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर आ रही हैं, तो बनारस के लोगों ने सीधे उनसे संपर्क किया और इसके बारे में बताया। इस पर मेनका ने उन लोगों को अपने शास्त्रीनगर आवास का पता देते हुए सोमवार को अपने पास बुलाया।
सांसद मीडिया प्रभारी विजय सिंह रघुवंशी ने जानकारी दी कि सोमवार को देर शाम जब मेनका गांधी सुल्तानपुर आवास पर पहुंची और बनारस से आये एक व्यक्ति ने कुत्ते के बच्चे को सांसद मेनका गांधी को दिया तो उनसे नहीं रहा गया और उसे उठाकर सांसद ने अपनी शाल में लपेट लिया और प्यार – दुलार करने लगी। मेनका ने कहा कि भले अहिल्या की आँखे न हों, लेकिन वे इसे दिल्ली में अपने साथ रखेगी और कोई कष्ट नहीं होने देंगी। गांधी ने रात में अहिल्या को अपने पास सुलाया। सांसद द्वारा बेजुबान के प्रति इस प्रकार का प्रेम, दुलार व अपनत्व की जगह जगह चर्चे व सराहना की जा रही है।