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जमीनी विवाद को पूरी तरह खत्म करने वाले ग्राम प्रधानों को देंगे पुरस्कार: मेनका गांधी

locationसुल्तानपुरPublished: Aug 03, 2021 08:21:51 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

मेनका गांधी ने कहा कि प्रधान, सरपंच और लेखपाल के साथ पुलिस मिलकर कराए जमीनी विवाद का निपटारा.

Maneka Gandhi

Maneka Gandhi

सुलतानपुर. पूर्व केंद्रीय मंत्री व सुल्तानपुर की सांसद मेनका संजय गांधी (Maneka Gandhi) ने मंगलवार को अपने दौरे के अंतिम दिन दूबेपुर, कुड़वार, कूरेभार, धनपतगंज व बल्दीराय में पंचायत जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद करते हुए ग्राम पंचायतों में समृद्धि लाने के लिए मिलकर साथ काम करने का आवाह्न किया। उन्होंने कहा जमीनी विवादों को निपटाए बिना ग्राम पंचायतों का विकास करना संभव नहीं है। राजस्व कर्मियों की मदद से ऐसे ग्राम प्रधान अपने गांव को शून्य या दस से कम विवाद तक पहुंचा देंगे, उसे पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा मैं प्रधानों को चार महीने देती हूं। मैं डीएम से कहकर ऐसी व्यवस्था बनाती हूँ कि प्रत्येक गाँव में लेखपाल, पुलिस व सरपंच तथा गांव के लोग बैठकर जमीनी विवाद का निपटारा कराए।
पंचायत सचिव गांव नहीं आते तो मुझे बताइए: मेनका

सांसद मेनका संजय गांधी ने कहा कि प्रत्येक प्रधान अपने गांव में फलदार 200 पौधों जैसे आम, जामुन महुआ का वृक्षारोपण करें, तालाबों की स्वच्छता पर भी प्रधानों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि तालाब की जलकुंभी से सबसे अच्छी जैविक खाद बनती है जिसे खेतों में डालने से पैदावार 20 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। सांसद ने कहा गांवों का विकास न रुके इसके लिए पंचायत सचिवों की तैनाती उनके मूल निवास वाले गांवो में क्लस्टर बनाकर किये जाने का सुझाव डीएम को दिया है जो लागू हो रहा है। इसके बाद भी पंचायत सचिव गांव नहीं आते तो मुझे बताइए सख्त कार्रवाई की जाएगी।
न्याय पंचायत स्तर पर कैंप लगाने के निर्देश-

सांसद मेनका संजय गांधी ने पंचायत प्रतिनिधियों से संवाद के दौरान बताया कि मैंने विधवा, वृद्धा व दिव्यांग पेंशन बनाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर कैंप लगाने का निर्देश मुख्य विकास अधिकारी को दिया है जिसकी शुरुआत जयसिंहपुर से हो चुकी है। पीएम मोदी व सीएम योगी ने हर गाँव में पंचायत सहायक नियुक्त करने का निर्णय लिया है जिससे 900 से अधिक नौजवान को अपने गांव में नौकरी तो मिलेंगी ही और आपकों खसरा खतौनी सहित सारे प्रमाणपत्र गांव में ही मिलेंगे आपकों शहर नहीं आना पड़ेगा।
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