पार्टी के वफादार रहे मुख्य जोनल क्वॉर्डिनेटर सर्वेन्द्र अंबेडकर को पद से हटाए जाने के बाद पार्टी में भूचाल आ गया है। फिलहाल कार्यवाही के डर से कोई भी पदाधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। बसपा नेता श्यामलाल ने कहा कि सर्वेन्द्र अंबेडकर और पूर्व विधायक भगेलूराम पार्टी के जमीनी नेता थे। वह पार्टी के शुरुआती दिनों के साथी थे, लेकिन जिस तरह से स्थानीय राजनीति के शिकार हुए, वह दुखद है और इसका अंजाम भी पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
इन पर पहले भी चल चुका है कार्रवाई का हंटर
मायावती पहले ही अपनी सरकार में पर्यटन राज्यमंत्री रहे विनोद सिंह को पार्टी से निकाल चुकी हैं। उनके अलावा पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका से और विरोधियों से मिलीभगत के गम्भीर आरोपों के चलते बसपा काडर के नेता और तीन बार के विधायक रहे भगेलूराम समेत चार नेताओं को पार्टी नेतृत्व पहले ही बाहर का रास्ता दिखा चुका है। बसपा से निकाले गए चारों नेताओं पर पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश गौतम ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था।
मायावती पहले ही अपनी सरकार में पर्यटन राज्यमंत्री रहे विनोद सिंह को पार्टी से निकाल चुकी हैं। उनके अलावा पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका से और विरोधियों से मिलीभगत के गम्भीर आरोपों के चलते बसपा काडर के नेता और तीन बार के विधायक रहे भगेलूराम समेत चार नेताओं को पार्टी नेतृत्व पहले ही बाहर का रास्ता दिखा चुका है। बसपा से निकाले गए चारों नेताओं पर पूर्व पार्टी जिलाध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश गौतम ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था।
भगेलूराम तीन बार रहे विधायक
जिले की कादीपुर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे भगेलूराम पहली बार वर्ष 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में विधायक चुने गए थे। इसके बाद साल 2002 और 2007 में कादीपुर सुरक्षित से लगातार दो बार विधायक चुने गए। पूर्व विधायक भगेलूराम पार्टी पदाधिकारी भी रह चुके हैं। पूर्व विधायक भगेलूराम के साथ बसपा जिला प्रभारी राजमणि वर्मा, तिलकधारी और विनोद गौतम को पार्टी करीब 4 महीने पहले ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश गौतम के मुताबिक, चारों नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। इन नेताओं को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन चेतावनी देने के बाद भी सुधार नहीं हुआ और पार्टी को कमजोर करते रहे। इसके बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर इन चारों नेताओं के निष्कासन की कार्रवाई की गई थी।
जिले की कादीपुर विधानसभा सीट से तीन बार विधायक रहे भगेलूराम पहली बार वर्ष 1993 में सपा-बसपा गठबंधन में विधायक चुने गए थे। इसके बाद साल 2002 और 2007 में कादीपुर सुरक्षित से लगातार दो बार विधायक चुने गए। पूर्व विधायक भगेलूराम पार्टी पदाधिकारी भी रह चुके हैं। पूर्व विधायक भगेलूराम के साथ बसपा जिला प्रभारी राजमणि वर्मा, तिलकधारी और विनोद गौतम को पार्टी करीब 4 महीने पहले ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष डॉ. ओम प्रकाश गौतम के मुताबिक, चारों नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। इन नेताओं को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन चेतावनी देने के बाद भी सुधार नहीं हुआ और पार्टी को कमजोर करते रहे। इसके बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर इन चारों नेताओं के निष्कासन की कार्रवाई की गई थी।