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अदालत में पेशी के दौरान कैदियों को हाथ नहीं लगाएगी पुलिस, अब यह होगा नियम

locationसुल्तानपुरPublished: May 18, 2021 08:45:50 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

जेल में बंद कैदियों/बंदियों को अदालत में पेश करते समय पुलिस उन्हें हाथों से नहीं पकड़ेगी।

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सुलतानपुर. कोरोना संक्रमण (Coronavirus in UP) के भय से अब जेल में बंद कैदियों/बंदियों को अदालत में पेश करते समय पुलिस उन्हें हाथों से नहीं पकड़ेगी। पुलिस का मानना है कि इससे सामाजिक दूरी और शारीरिक दूरी खत्म हो रही थी और कोरोना से संक्रमित होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता था। जीवन भय बना रहता था। कोरोना वायरस के खतरे को भांपते हुए और कोरोना वायरस के खतरे को कम करने के लिए पुलिस कर्मियों को शासन ने कैदियों/बंदियों को हथकड़ी पहनाने की छूट दे दी है। अब अदालतों में पेश होने वाले बंदियों/कैदियों के हाथों में हथकड़ी पहने दिखाई देंगी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का खौफ इस कदर है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सिफारिशें और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार किया जा रहा है। कोविड-19 से पुलिस कर्मियों को बचाने, सुरक्षित रखने के लिए कैदियों/बंदियों को हथकड़ी पहनाने की छूट दे दी गई है।
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बंद हो गया था बंदियों को हथकड़ी पहनाना-

करीब दो दशक पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देशों और सुप्रीम कोर्ट ने डीके बसु तथा पीपुल्स लिबर्टी ऑफ इंडिया के केस में किसी को भी हथकड़ी पहनाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पुलिस को यह छूट दी थी कि अभ्यस्त अपराधी या वह अपराधी जिसके पुलिस हिरासत से फरार होने का खतरा हो, उन अपराधियों को हथकड़ी में जकड़ सकते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र तिवारी कहते हैं कि मानवाधिकार की रक्षा के मुकाबले जीवन रक्षा बेहद जरूरी है।
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