शाम होते ही गांव में छा जाता है सन्नाटा मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के घोपाट घाट का है। यहां पर गांव वालों ने आजीबो गरीब जानवर देखे जाने की पुष्टि की है। इस ख़बर के फैलते ही वन विभाग के रेंजर अपनी पूरी टीम के साथ प्रभागीय वनाधिकारी के निर्देश पर रात से ही क्षेत्र में कांबिंग शुरू कर दी है। लेकिन करीब 72 घंटे बीत जाने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी अजीबो गरीब दिखने वाले जानवर को नहीं पकड़ सके। आलम ये है कि अब ग्रामीण शाम होते ही घर में घुस जा रहे हैं, स्कूल में आने वाले बच्चों की संख्या में गिरावट दर्ज हो रही है। इलाके के सुखाई का पुरवा, मिश्र का पूरवा समेत करीब 23 ग्राम पंचायतों में वन्य जीव के होने की ख़बर है। 
विभाग ने हिंसक जंतु के पंजों का निशान लेकर परीक्षण के लिए भेजा प्रभागीय वनाधिकारी एसएस पांडेय ने बताया कि हिंसक जीव के बारे में पड़ताल की जा रही है। टीम लगातार क्षेत्र में बनी हुई है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हिंसक जंतु के पंजों का निशान लेकर परीक्षण के लिए भेजा गया है। प्रकरण में लखनऊ चिड़ियाघर के विशेषज्ञों की भी सलाह ली जा रही है।
90 के दशक में तेंदुए की आशंका में कई लोगों की गई थी जान इसी तरह वर्ष 1993 से 97 तक तेंदुए की आशंका में 5 लोगों को ग्रामीणों के हाथों जान गंवानी पड़ी थी। उस समय भी प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील क्षेत्र से हिंसक जानवर तेंदुए की मौजूदगी की अफवाह फैली थी। इस अफवाह से लोगों की आशंका इतनी बढ़ गई थी कि लोग अपरिचित व्यक्ति को भी तेंदुआ समझ कर हमला कर देते थे। हालत इतनी खराब हो गयी कि तेंदुए के हमले की अफवाह पर ग्रामीणों ने कोइरीपुर रेलवे स्टेशन पहुंचकर रेलवे लाइन उखाड़ फेंका था।
गौरतलब हो कि दो दिन पूर्व प्रतापगढ़ जिले में तेंदुआ के निकलने की बात सामने आई थी और कुछ लोगों ने फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर भी डाले थे।