हनुमान जी ने मायावी राक्षस कालनेमि का वध किया था उसी स्थान पर हनुमान जी का विशाल मंदिर बना है। जिस कुंड में भगवान हनुमान स्नान करने पहुंचे थे व जहां उन्हें कालनेमि राक्षस के बारे में भेद देने वाली मकड़ी मिली थी, वह स्थल व कुंड आज मकड़ीकुंड के नाम से मौजूद है। मान्यता है कि यहां मनुष्य की हर मुराद पूरी होती है। लॉकडाउन से पहले यहां हर शनिवार और मंगलवार को हजारों दर्शनार्थी अपने ईष्ट देव का दर्शन करने आते थे और मत्था टेक कर हनुमान जी की कृपा प्राप्त करते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण मंदिर के हजारों साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब हनुमान जी और उनके भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग आ गई है। मंदिर के पुजारी विंध्यवासिनी शास्त्री कहते हैं कि करीब दो महीनों से भक्तों का मंदिर में प्रवेश बंद है। इसका असर पुजारियों की जेब पर पड़ रहा है।