सुल्तानपुर

भक्त और भगवान के बीच चौड़ी हो गई ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की खाई, आर्थिक तंगी से जूझ रहे यहां के पुजारी

– लॉकडाउन में आर्थिक संकट से जूझ रहे बिजेठुआ महाबीरन धाम के पुजारी
– प्रसिद्ध बिजेठुआ महाबीरन धाम , भक्त-भगवान के बीच कोरोना बना बाधा और मन्दिर को आर्थिक संकट में धकेला

सुल्तानपुरMay 22, 2020 / 11:06 am

Karishma Lalwani

भक्त और भगवान के बीच चौड़ी हो गई ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ की खाई, आर्थिक तंगी से जूझ रहे यहां के पुजारी

सुलतानपुर. लॉकडाउन (LOCKDOWN) ने भगवान और उनके भक्तों के बीच चौड़ी खाई खड़ी कर दी है। सुलतानपुर के बिजेठुआ महाबीरन मंदिर लॉकडाउन के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कभी इस मंदिर में भगवान हनुमान के भक्तों का तांता लगा रहता था, वहीं अब लॉकडाउन के कारण मंदिर में सून्नाटा रहता है। भक्त हनुमान जी के दर्शन के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं, जिसके चलते हनुमान जी को उनके भक्तों की ओर से हर शनिवार और मंगलवार को चढ़ने वाला चढ़ावा अब नहीं चढ़ पा रहा है। भक्तों और हनुमान जी के बीच सोशल डिस्टेंसिंग भी बाधा बनकर सामने खड़ा है। उधर, पुजारियों को दक्षिणा न मिल पाने के कारण वहां के पुजारी आर्थिक तंगी के कगार पर पहुंच कर भुखमरी झेल रहे हैं।
हनुमान जी ने मायावी राक्षस कालनेमि का वध किया था उसी स्थान पर हनुमान जी का विशाल मंदिर बना है। जिस कुंड में भगवान हनुमान स्नान करने पहुंचे थे व जहां उन्हें कालनेमि राक्षस के बारे में भेद देने वाली मकड़ी मिली थी, वह स्थल व कुंड आज मकड़ीकुंड के नाम से मौजूद है। मान्यता है कि यहां मनुष्य की हर मुराद पूरी होती है। लॉकडाउन से पहले यहां हर शनिवार और मंगलवार को हजारों दर्शनार्थी अपने ईष्ट देव का दर्शन करने आते थे और मत्था टेक कर हनुमान जी की कृपा प्राप्त करते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण मंदिर के हजारों साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब हनुमान जी और उनके भक्तों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग आ गई है। मंदिर के पुजारी विंध्यवासिनी शास्त्री कहते हैं कि करीब दो महीनों से भक्तों का मंदिर में प्रवेश बंद है। इसका असर पुजारियों की जेब पर पड़ रहा है।
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