शासन की मंशा के विपरीत हो रही कटौती
शासन की ओर से शहरी क्षेत्र को 24, तहसील को 20 व ग्रामीण को साढ़े 18 घंटे बिजली आपूर्ति का सच सामने आ गया है। शासन के लागू आदेश के बाद जिले में अंधा-धुंध कटौती शुरू हो गई है। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में लगातार की जा रही कटौती से जिले की करीब 22 लाख आबादी बेहाल हो गई है। भीषण गर्मी में लोग परेशान हो गए हैं। बुधवार व गुरूवार की रात नौ बजे से लेकर गुरूवार की शाम 24 घंटे में शहरी क्षेत्र नौ घंटे घोषित व चार घंटे अघोषित बिजली कटौती से जूझा। जिससे आम जनमानस में भयंकर उबाल की स्थिति है। जो कि विस्फोटक भी हो सकती है लेकिन प्रशासन है कि जागने को तैयार ही नहीं है।
रोस्टर के अनूरूप भी नही हो पा रही है सप्लाई
रिकार्डों के मुताबिक बुधवार की रात नौ से रात 11 बजे तक, बृहस्पतिवार की सुबह साढ़े पांच से सुबह साढ़े सात बजे तक नियंत्रण प्रणाली लखनऊ से बिजली कटौती की गई। इसी तरह बृहस्पतिवार की शाम साढ़े पांच से रात साढ़े आठ बजे तक तीन घंटे की कटौती की गई। 24 घंटें में 13 घंटे की कटौती से जनजीवन बेहाल हो गया है। इसके अलावा फॉल्ट के नाम पर अलग-अलग क्षेत्रों में कटौती की जाती रही। नियंत्रण प्रणाली एवं लोकल कटौती से आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। वितरण खंड के अधिकारी नियंत्रण प्रणाली लखनऊ से कटौती बताकर अपना पीछा छुड़ा रहे हैं।
जिले में बारिश न होने से सिंचाई में भी हो रही है परेशानी
केएनआई विद्युत उपकेंद्र से भदैंया विकास खंड के दर्जनों गांवों में बिजली आपूर्ति की जाती है। करीब सप्ताह भर से छतौना, मलिकपुर, माड़व का पुरवा, आंशिक सरायअचल, जादीपुर, इस्लामगंज, अहिरौली, भटपुरा समेत डेढ़ दर्जन से अधिक गांवों में बिजली गुल है। भीषण गर्मी में जहां लोगों की नींद हराम हो गई है, वहीं नलकूप न चलने से धान की फसलें सूखने की कगार पर पहुंच रही है। इसकी शिकायत कई बार क्षेत्रीय अवर अभियंता से की गई, परंतु कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अधिकारियों की बेरुखी से गुरुवार की रात करीब नौ बजे ग्रामीणों का धैर्य जाग गया। मलिकपुर ग्राम प्रधान अबू शहबाज, भाजपा नेता बृजनाथ जायसवाल, बब्बन पाठक, अल्ताफ अहमद, गुंजन श्रीवास्तव, बाबू हठेला, मुन्ना, विनोद साहू आदि की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोग देहात कोतवाली पहुंचे। बिजली विभाग के अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। किसी तरह उपनिरीक्षक ने ग्रामीणों को शांत कराया। इसके बाद ग्रामीण केएनआइ विद्युत उपकेंद्र पहुंचे तो बिजली महकमे में हड़कंप मच गया। घंटों हंगामा चला, लेकिन महकमे के अफसर और कर्मी कमरों से बाहर नहीं निकले। दूरभाष पर शीघ्र ही बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कही।