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Raksha Bandhan: 29 साल बाद इस रक्षाबंधन पर बन रहा विशेष योग, भाई को ऐसे राखी बांधना होता है शुभ, जानें- मुहूर्त

locationसुल्तानपुरPublished: Aug 02, 2020 01:05:25 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– Raksha Bandhan 2020 पर सुबह 8:28 मिनट से रात 8:20 मिनट तक राखी बांधने का है Shubh Muhurt- रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई पर काले रंग का धागा, टूटी व प्लास्टिक और अशुभ चिन्हों वाली Rakhi नहीं बांधनी चाहिए

Raksha Bandhan: 29 साल बाद इस रक्षाबंधन पर बन रहा विशेष योग, भाई को ऐसे राखी बांधना होता है शुभ, जानें- मुहूर्त

Raksha Bandhan: 29 साल बाद इस रक्षाबंधन पर बन रहा विशेष योग, भाई को ऐसे राखी बांधना होता है शुभ, जानें- मुहूर्त

सुलतानपुर. तीन अगस्त यानी दिन सोमवार को रक्षाबंधन (Raksha Bandhan 2020) है। 29 वर्ष बाद इस बार रक्षाबंधन पर्व परविशेष अमृत योग बन रहा है। सावन के आखिरी सोमवार को पूर्णिमा पर श्रावण नक्षत्र भी है, जिससे इस दिन प्रीतियोग, आयुष्मान योग और सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है जो इस दिन को विशेष और दुर्लभ बनाता है। इस शुभ संयोग (Auspicious Time) में पूजा करने से पूजा का फल दोगुना मिलता है। यह कहना है ज्योतिषाचार्य डॉ. शिवबहादुर तिवारी का। साथ ही उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर बहनों को किस तरह से भाई की कलाई पर राखी (Rakhi) बांधनी चाहिए, जो सबके लिए फलदायी हो। 3 अगस्त को भद्रा नक्षत्र के बाद सुबह 8:28 मिनट से रात 8:20 मिनट तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurt) है।
पश्चिम दिशा में मुंह करके भाई को बांधें राखी
आचार्य डॉ. शिवबहादुर तिवारी ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन बहनों को मेहंदी रचे हाथों से भाइयों को तिलक कर दाहिनी कलाई पर राखी बांधनी चाहिए। ज्योतिशास्त्र के मुताबिक, भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधना ही शुभ होता है। बहनों को भाइयों की दाहिनी कलाई पर राखी बांधते समय हमेशा पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके राखी बांधनी चाहिए और भाइयों का मुंह हमेशा पूरब की दिशा में ही होना चाहिये। ऐसा करने से शुभ फलकारक होता है।
राखी बांधते समय भाइयों की उतारें आरती
आचार्य तिवारी ने बताया कि भाई को तिलक और राखी बांधते समय बहनों को ‘येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचल।’ मंत्र का जाप करना शुभ माना गया है। इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है। राखी को बांधने के बाद भाई की आरती उतारना और मीठा खिलाना उत्तम माना गया है। राखी बांधते समय भाई को पीढ़े पर ही बैठाना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करना भाई-बहनों के लिए लाभकारी होता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, इस बार रक्षाबंधन पर महासंयोग के कारण भाई-बहनों को विशेष लाभ मिलेंगे।
ये राखियां होती हैं अशुभ फलकारी
आचार्य ने बताया कि बहनों को भाइयों की कलाई में काले रंग का धागा, टूटी या खंडित राखी, प्लास्टिक की राखी और अशुभ चिन्हों वाली राखी नहीं बांधनी चाहिए। माना जाता है कि अगर कोई बहन इस तरह की राखी अपने भाई को बांधती है तो भाई-बहन दोनों को भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ सकता है।
शुभ योग में भक्तों पर कृपा बरसाते हैं शिव-पार्वती
आचार्य तिवारी ने बताया कि सावन के आखिरी सोमवार को ही पूर्णिमा तिथि है। इस दिन चंद्रमा के मकर राशि में होने से प्रीति योग बन रहा है। यह शुभ संयोग सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद आयुष्मान योग लग जाएगा। पूर्णिमा और सोमवार और रक्षाबंधन के इस अद्भुत संयोग को सौम्या तिथि माना जाता है। मान्यता है कि सावन के आखिरी सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती धरती का भ्रमण करने के साथ ही अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।

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