जी हां , हम बात कर रहे हैं कादीपुर बाजार के समाजसेवी अब्दुल हक की। समाजसेवी अब्दुल हक को जूनून है कि वे लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार अपने पैसे से करेंगे । इतना ही नहीं है अब्दुल हक़ ने विदेशों में फंसे करीब 15 लोगों को स्वदेश लौटने में मदद की है। मतलब साफ है कि उनके सहयोग से विदेश में फंसे 15 लोग अपने घर पहुंच सके हैं । समाजसेवी अब्दुल हक़ द्वारा लावारिस लाशों का जब अंतिम संस्कार किया जाता है तो वे इस बात पर ज्यादा ध्यान रखते हैं कि जिस जाति धर्म की लाश हो उसी अनुसार उसका अंतिम संस्कार हो ।
कादीपुर कोतवाली क्षेत्र में गोमती नदी में लावारिस लाश होने की सूचना पुलिस को होने पर पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया, लेकिन उस लाश का पोस्टमार्टम 72 घण्टे के बाद होने के पर समाजसेवी अब्दुल हक ने उस लाश का भी हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया ।
यह लाश 23 अप्रैल को कादीपुर में गोमती नदी में लावारिस लाश मिली थी जिसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने 100 नंबर पर दी थी मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव को कब्जे में कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया फिर उसके बाद 72 घंटे बाद आज लावारिस लाश का पोस्टमार्टम कर उसका हिंदू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार समाजसेवी अब्दुल हक द्वारा किया गया जिसका सारा खर्च अब्दुल हक़ ने अपने निजी खर्चे से लगाते हैं इनके द्वारा कई सामाजिक कार्य किए जाते हैं जैसे कि विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को निशुल्क अपने निजी खर्चे से भारत वापस लाने में पूरा सहयोग करते हैं।
अब तक इनके द्वारा विदेशो में फंसे भारतीय 15 नागरिकों को ला चुके हैं और लगातार इन का प्रयास ऐसे सामाजिक कार्यों में रहता है इनके द्वारा अब तक लगभग तीन से चार लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कराया जा चुका है । थाना कोतवाली कादीपुर बाजार सुल्तानपुर के रहने वाले हैं इस समाजसेवी को लोगों ने सरकार से अपील की है कि आवश्यक मदद करनी चाहिए , और इन्हें पद्मश्री अवार्ड से एवं जिलाधिकारी द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए ऐसे में समाज के अन्य कई नागरिक भी फिर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे।