जिले में फल के थोक विक्रेताओं की दुकानें बंद पड़ी हैं। फल मंडी में करीब 100 थोक विक्रेताओं के पास फलों का रखा करीब 5 लाख रुपए का फल सड़ने की कगार पर पहुंच गया है। फलों के थोक विक्रेता बबलू नेता ने बताया कि 31 जुलाई तक लॉकडाउन दोबारा लगने से फलों में सबसे अधिक नुकसान केले और आम के फलों को हो रहा है, क्योंकि ये सब सड़ने लगे हैं। शहर के मुख्य बाजार चौक घण्टाघर, बाधमडी, कुड़वार नाका, ठठेरी बाजार जैसे बाजार पूरी तरह बंद हैं।
सराफ़ा कारोबारी शोभनाथ सोनी कहते हैं कि इस साल 2020 सराफ़ा कारोबारियों के लिए बेहद निराशाजनक रहा। सहालग आने के पहले ही मार्च महीने से भी लॉकडाउन लगने के कारण न तो शादी-विवाह हुए और न ही कोई उत्सव। जिससे सराफ़ा कारोबारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए थे। जिन लोगों ने जो भी पूंजी निवेश किया था वह सब बंटाधार हो गया।