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चीनी मिट्टी से बनी मूर्तियों की जगह पूजी जाएंगी अपनी माटी से बनी मूर्तियां, चीनी झालरों की जगह जगमगाएंगीं स्वदेशी झालरें

locationसुल्तानपुरPublished: Jun 19, 2020 10:05:18 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

कोरोना वायरस और भारत-चीन तनाव से सबक लेते हुए सुलतानपुर के शिल्पकारों ने चीनी सामानों को बॉयकॉट करना का फैसला किया है

चीनी मिट्टी से बनी मूर्तियों की जगह पूजी जाएंगी अपनी माटी से बनी मूर्तियां, चीनी झालरों की जगह जगमगाएंगीं स्वदेशी झालरें

चीनी मिट्टी से बनी मूर्तियों की जगह पूजी जाएंगी अपनी माटी से बनी मूर्तियां, चीनी झालरों की जगह जगमगाएंगीं स्वदेशी झालरें

सुलतानपुर. कोरोना वायरस (Coronavirus) और भारत-चीन तनाव से सबक लेते हुए सुलतानपुर के शिल्पकारों ने चीनी सामानों को बॉयकॉट करना का फैसला किया है। चीन से निपटने और उसकी आर्थिक रीढ़ तोड़ने के लिए जिले के गांव-गली में तैयारियां शुरू हो गई हैं। देश की बाजारों से मुनाफा कमाने वाले चीन के उत्पादों को बेदखल करने का शुभ मुहूर्त दुर्गापूजा महोत्सव और दीपावली पर्व को चुना गया है। अब तक जिले के प्रसिद्ध दुर्गापूजा महोत्सव को यादगार बनाने और सजाने के लिए चीनी झालरों से गली-मोहल्ले,सड़कों, कस्बे और बाजारों को जगमग किया जाता रहा है और दीपावली पर्व पर चीनी मिट्टी से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां लोगों की पहली पसंद हुआ करती थीं। लेकिन इस बार शिल्पकारों ने चीन के सामानों को पूरी तरह से बहिष्कार करते हुए भारतीय मिट्टी, झार्लर-आदि के उपयोग पर जोर दिया है।
देश में चीनी मूर्तियों की है बड़ी मांग

देश में बनी बिजली की सजावटी झालरों और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों की मांग अधिक होने से स्थानीय माटी कला के मास्टरों की उपेक्षा के कारण जिले में माटीकला विलुप्त होने की कगार पर पहुंच गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मेक इन इंडिया (Make In India) और लोकल से वोकल बनाने के आह्वान के बाद स्थानीय माटीकला के शिल्पकारों ने चीनी सामानों को बाजारों से आउट करने की तैयारियां शुरू कर दी है। इन माटीकला के शिल्पकारों ने माटी से बनने वाले सामानों में गुणवत्तापूर्ण और तकनीक का समावेश शामिल करने का भरोसा दिलाया है।
जिले के मुख्य विकास अधिकारी रमेश प्रसाद मिश्र कहते हैं कि हमें जिले में माटी कला को प्रोत्साहित करने के लिए और चीनी सामानों से बचने के लिए हमई माटी से बनने वाले सामानों में तकनीक और गुणवत्ता अपनाना पड़ेगा और बाजारों में चीनी सामानों की जगह जिले में बनें सामानों को स्थापित करना होगा। इसके लिए गलेजिंग और पैकेजिंग भी जरूरी होगा।
माटी कला के शिल्पकार बोले

माटीकला के शिल्पकार भगवानदीन प्रजापति ने कहा कि हम सब चीनी सामानों ,विशेषकर मिट्टी से बने दीये और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों के पूर्ण वहिष्कार करने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस बार दीपावली पर हम सब चीनी मिट्टी से बने दीये कि जगह अपनी मिट्टी से बने दीये जलाएं और अपनी मिट्टी से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों को स्थापित कर उसकी पूजा करें, तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेक इन इंडिया का संकल्प पूरा होगा।
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