मन्दिर के सामने सेहन दरवाजे पर बने मन्दिर के चबूतरे पर साल में तमाम तरह के धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम जैसे रामनवमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी , गोवर्धन पूजा, दुर्गापूजा, दुखदुरिया पूजन एवं भण्डारा इत्यादि आयोजित होते रहे हैं। यह चबूतरा भी बलवन्ता देवी राम-जानकी मन्दिर की सम्पत्ति है, परन्तु बीते दिनों में उक्त चबूतरे को संघ पदाधिकारियों के इशारे पर नगरपालिका परिषद अध्यक्ष के पति अजय जायसवाल के सहयोग से अवैध रूप से बाउण्ड्री का निर्माणा कर चबूतरे को बन्द कर दिया गया।
मन्दिर के प्रबन्धक ने जिलाधिकारी को देकर अवैध निर्माण बन्द कराने की मांग की थी, लेकिन अवैध निर्माण में लगे लोगों के सत्ताधारी दल से जुड़े होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं हुई। उल्टे नगर कोतवाली पुलिस की मौजूदगी में निर्माण होता रहा। उक्त निर्माण से मोहल्लेवासियों में आक्रोश भी देखा गया, लेकिन प्रशासन की एकतरफा भूमिका के चलते कोई आगे आने को तैयार नहीं हुआ। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि अब भाजपाई मन्दिरों को कब्जा करने में जुट गए हैं। फिलहाल मन्दिर प्रबन्धक ने जिलाधिकारी के अलावा राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, मण्डलायुक्त, डीआईजी, पुलिस अधीक्षक व नियत प्राधिकारी विनियमित क्षेत्र को भी प्रार्थनापत्र भेजा है। मन्दिर प्रबन्धक का कहना है कि नियमानुसार विनियमित क्षेत्र में बगैर मानचित्र स्वीकृत कराये किसी भी तरह का निर्माण नहीं हो सकता। यदि मानचित्र स्वीकृत भी हुआ है तो किसने और किस हैसियत से स्वीकृत कराया है ? लेकिन यहां मन्दिर पर अवैध निर्माणा प्रकरण में प्रशासन ने अपने हाथ खड़े कर लिए, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।