दशहरी आम की 20 फीसद फसल आंधी से बर्बाद हुई, किसान मायूस मई माह में ही आम के बागों के मालिक खरीददारों के हाथों बेचकर मुनाफा कमाते हैं। लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना के कारण बढ़ते लॉकडाउन को देखकर आम की बाग खरीदने वाले तैयार नहीं हैं। पिछले साल करीब दो महीने लॉकडाउन के कारण आम के धंधे में लाखों रुपए का घाटा उठाना पड़ा था। हनुमानगंज के जनार्दन सिंह की बाग ठेकेदार खालिक खरीदते रहे हैं। लेकिन उन्होंने इस साल लॉकडाउन का हवाला देकर खरीदने से साफ मना कर दिया। उन्होंने बताया कि पिछले साल लॉक उन की वजह से करीब 2 लाख रुपए का घाटा उठाना पड़ा था इसी तरह अभियाखुर्द, सरायचल, बेलामोहन और बभंगनवा स्थित बागों के खरीददार नहीं मिल रहे हैं। आम के बागानों के मालिकों के कहना है कि यदि आम बागानों के खरीददार नहीं मिले तो लोगों को इस साल मुफ्त आम खिलाएंगे।
खरबूज-तरबूज और कटहल के भी नहीं हैं खरीददार :- आम ही नहीं, इस बार खरबूज ,तरबूज और कटहल के भी खरीददार नहीं मिल रहे हैं। उत्पादकों में घोर निराशा है। उनका कहना है कि यदि इसी तरह रहा टी आम, कटहल, तरबूज और खरबूजा उत्पादकों का दिवाला निकल जायेगा। उत्पादक के घरों में भुखमरी फैल जाएगी।