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हद हो गई : शव लेने से बेटे ने मना किया, फिर डोम ने भी किया अंतिम संस्कार से इनकार

locationसुल्तानपुरPublished: Jun 24, 2020 05:50:46 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

कोरोना से हुई मौत के बाद तीन दिन तक मर्च्युरी में पड़ा रहा शवशव के अंतिम संस्कार के लिए बेटे और मुहल्ले वालों ने दिखाई दूरी18 जून को मुंबई से प्राइवेट कार से आया था मृतकमौत के बाद जांच में आया कोरोना पॉजिटिव

हद हो गई : शव लेने से बेटे ने मना किया, फिर डोम ने भी किया अंतिम संस्कार से इनकार

हद हो गई : शव लेने से बेटे ने मना किया, फिर डोम ने भी किया अंतिम संस्कार से इनकार

सुलतानपुर. जिले में कोरोना से हुई मौत के बाद उसके बेटे ने शव लेने और अपने पिता का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। बेटे के शव लेने से मना करने से प्रशासन सकते में आ गया। कोरोना से हुई मौत की खबर से अंतिम संस्कार करने वाले डोम ने भी शव का अंतिम संस्कार करने से साफ इंकार कर दिया था, जिसके लिए एसडीएम रामजीलाल को डोम से मिन्नतें करनी पड़ी, तब जाकर शव का अंतिम संस्कार हो पाया।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते 18 जून को जिले के कादीपुर कोतवाली क्षेत्र के कादीपुर खुर्द में एक 55 वर्षीय अधेड़ प्राइवेट कार से मुंबई से अपने घर पहुंचा था। घर पहुंचते ही सुबह उसकी मृत्यु हो गई गई थी। स्वास्थ्य टीम ने अधेड़ मृत व्यक्ति का सैंपल लेकर जांच में भेजा था। रविवार 21 जून को अधेड़ की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी, तभी से इसका शव रखा हुआ था।
जांच रिपोर्ट आने तक मर्च्युरी में रखा गया शव :- दरअस्ल मृतक के कोरोना पॉजिटिव होने के चलते शव का अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल में होना था। लेकिन जब प्रशासनिक अमला परिजनों के पास शव का अंतिम संस्कार कराने के लिए पहुंचा तो परिवार वालों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। मंगलवार दोपहर एसडीएम की निगरानी में एक एंबुलेंस से मृतक का शव शहर स्थित सीताकुंड घाट पर भेजा गया, जहां कोरोना से जुड़ा मामला देख डोम ने भी हाथ जोड़ लिए।
डोम का अंतिम संस्कार से इनकार :- डोम के अंतिम संस्कार करने से मना करने पर एसडीएम ने कहा कि क्या मृतक के शव में कीड़े पड़े हैं कि उसका क्रियाकर्म नहीं होना चाहिए। डोम ने स्पष्ट कहा कि शव को परिवार वालों को ले जाना चाहिए और परिजनों को शव का दाह संस्कार करना चाहिए। इस पर एसडीएम ने कहा कि परिवार वाले निकम्मे हैं। एसडीएम ने कहा- मैं तुम्हारे साथ खड़ा होऊंगा। कोई प्राब्लम हो मुझे बताना। मरे हुए को आज सातवां दिन है, उसमें तो कोरोना का नाम भी नहीं रह गया होगा। तब जाकर शव का डोम ने लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया।
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