कोरोना वायरस के भय से शहर, कस्बा ही नहीं, कोरोना वायरस का भय गांवों में साफ दिखाई पड़ने लगा है। जिसके कारण खेतों में तैयार फसलों को काटने के लिए मजदूर ढूढें नहीं मिल रहे हैं। जिसके चलते किसान अपने खेतों और खड़ी फसलों को रामभरोसे छोड़ दिया है और परिवार के साथ घरों में लॉक डाउन का पालन कर रहा है।
भदैया ब्लॉक के लोदीपुर गांव के किसान राम सूरत मिश्र का बयान काबिलेगौर है। किसान रामसूरत मिश्र ने कहा कि खेतों में पककर तैयार फसलों की कटाई से ज्यादा जरूरी परिवार की सुरक्षा है। परिवार के लिए ही हम दिन-रात खेतों में काम कर फसल उगाते हैं। मुरारपुर गांव के किसान बसंतलाल के मुताबिक खेतों में कटाई के लिए फसल पककर तैयार है, लेकिन कोरोना वायरस के भय एवं देश के लॉक डाउन होने के बाद खेतों में पककर तैयार फसलों की कटाई के लिए न ही मजदूर मिल रहे हैं और न ही कटाई के लिए किराये पर मिलने वाले संसाधन।
उन्होंने कहाकि कोरोना वायरस के कारण जनता के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। यदि जल्द ही सरकार कोरोना वायरस पर काबू पाकर लॉक डाउन नहीं हटाती तो फसलें खराब हो सकती हैं। बसंतलाल ने कहा कि 14 अप्रैल तक लॉक डाउन किया गया है, इसलिए कुछ दिन और इंतजार कर लेंगे उसके बाद फसल की कटाई कराई जाएगी, क्योंकि “जान है तो जहान है”।