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कोरोना वायरस और लॉक डाउन से डरे गांव के किसान, किसानों ने खेतों में खड़ी फसलों को रामभरोसे छोड़ा

locationसुल्तानपुरPublished: Apr 06, 2020 01:23:48 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

गांवों के लॉक डाउन होने से पुलिस कार्यवाही के डर और कोरोना वायरस के भय से मजदूर खेतों में पककर तैयार फसलों को काटने नहीं जा पा रहे हैं। इससे किसानों में घोर निराशा छाई हुई है।

कोरोना वायरस और लॉक डाउन से डरे गांव के किसान, किसानों ने खेतों में खड़ी फसलों को रामभरोसे छोड़ा

कोरोना वायरस और लॉक डाउन से डरे गांव के किसान, किसानों ने खेतों में खड़ी फसलों को रामभरोसे छोड़ा

सुलतानपुर. लगातार तीन महीने से बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के साथ हुई ओलावृष्टि से गेहूं समेत सभी फसलों के बर्बाद होने से किसानों की रीढ़ टूट गई थी। अब रही-सही कसर कोरोना वायरस ने पूरी कर दी है। कोरोना वायरस से शहर और कस्बे ही नहीं लॉक डाउन हैं, बल्कि अब शासन के निर्देश पर प्रशासन ने गांवों को भी लॉक डाउन कर दिया है। गांवों के लॉक डाउन होने से पुलिस कार्यवाही के डर और कोरोना वायरस के भय से मजदूर खेतों में पककर तैयार फसलों को काटने नहीं जा पा रहे हैं। इससे किसानों में घोर निराशा छाई हुई है।
कोरोना वायरस के भय से शहर, कस्बा ही नहीं, कोरोना वायरस का भय गांवों में साफ दिखाई पड़ने लगा है। जिसके कारण खेतों में तैयार फसलों को काटने के लिए मजदूर ढूढें नहीं मिल रहे हैं। जिसके चलते किसान अपने खेतों और खड़ी फसलों को रामभरोसे छोड़ दिया है और परिवार के साथ घरों में लॉक डाउन का पालन कर रहा है।
भदैया ब्लॉक के लोदीपुर गांव के किसान राम सूरत मिश्र का बयान काबिलेगौर है। किसान रामसूरत मिश्र ने कहा कि खेतों में पककर तैयार फसलों की कटाई से ज्यादा जरूरी परिवार की सुरक्षा है। परिवार के लिए ही हम दिन-रात खेतों में काम कर फसल उगाते हैं। मुरारपुर गांव के किसान बसंतलाल के मुताबिक खेतों में कटाई के लिए फसल पककर तैयार है, लेकिन कोरोना वायरस के भय एवं देश के लॉक डाउन होने के बाद खेतों में पककर तैयार फसलों की कटाई के लिए न ही मजदूर मिल रहे हैं और न ही कटाई के लिए किराये पर मिलने वाले संसाधन।
उन्होंने कहाकि कोरोना वायरस के कारण जनता के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। यदि जल्द ही सरकार कोरोना वायरस पर काबू पाकर लॉक डाउन नहीं हटाती तो फसलें खराब हो सकती हैं। बसंतलाल ने कहा कि 14 अप्रैल तक लॉक डाउन किया गया है, इसलिए कुछ दिन और इंतजार कर लेंगे उसके बाद फसल की कटाई कराई जाएगी, क्योंकि “जान है तो जहान है”।
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