थाने की पुलिस ने 28 जुलाई को दर्ज हुए मुकदमें के संबंध में रिपोर्ट भेज दिया और 19 जुलाई की घटना को लेकर पड़ी अर्जी के सम्बंध में भ्रामक रिपोर्ट प्रेषित कर दी। अर्जी पर सुनवाई के पश्चात सीजेएम आशारानी सिंह ने भ्रामक रिपोर्ट के आधार पर ही दोनो घटनाएं अलग-अलग दिन घटित होने के बावजूद एक ही मुकदमा दर्ज होने के आधार पर प्रार्थना पत्र को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया। सीजेएम के इस आदेश को गलत ठहराते हुए अभियोगी दयाराम ने सत्र न्यायालय में चुनौती दी। अभियोगी की निगरानी पर सुनवाई के पश्चात एडीजे चतुर्थ ने अलग-अलग घटनाओं के संबंध में एक ही एफआईआर दर्ज होने के आधार पर प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाना गलत ठहराते हुए सीजेएम का आदेश निरस्त कर दिया है। सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार शुक्ल ने सीजेएम को प्रकरण में पुन:सुनवाई कर उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।