सुल्तानपुर

सेशन कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट के आदेश को किया खारिज

– पुलिसकर्मियों के खिलाफ पड़ी अर्जी को सीजेएम ने किया था नामंजूर- अलग-अलग तिथियों पर हुई थी दो घटनाएं,पर दर्ज हुई थी एक ही एफआईआर- सीजेएम ने पुलिस की भ्रामक रिपोर्ट को आधार बनाकर की थी अर्जी खारिज

सुल्तानपुरMay 27, 2019 / 10:13 pm

Hariom Dwivedi

सेशन कोर्ट ने सीजेएम कोर्ट के आदेश को किया खारिज

सुलतानपुर. पुलिसकर्मियों समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराने को लेकर सीजेएम कोर्ट के जरिये खारिज किये गये आदेश को एडीजे चतुर्थ मनोज कुमार शुक्ल की अदालत ने गलत ठहराया है। अदालत ने मामले में पुन:सुनवाई कर उचित आदेश पारित करने का सीजेएम को निर्देश दिया है।

मामला दोस्तपुर थाना क्षेत्र के ताजुद्दीनपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले दयाराम एवं उसके गांव के ही सीताराम समेत अन्य से जमीनी विवाद को लेकर मुकदमेंबाजी चल रही है। दयाराम के मुताबिक विवादित भूमि के संबंध में सिविल कोर्ट के जरिये स्थगन आदेश भी पारित है। बावजूद इसके विपक्षीगण सीताराम,मनोज कुमार उर्फ चंदी,मान सिंह,मनोज,जय सिंह,दरगाही,पारसनाथ एवं उनके सहयोग में पहुंचे सिपाही घनश्याम,राकेश,विजय सिंह बीते 19 जुलाई को अभियोगी दयाराम के घर में घुस आये और उसे जमकर मारापीटा एवं विवादित खड़ंजा भी उखड़वा दिया। इस घटना के संबंध में अभियोगी ने थाने से लेकर एसपी दफ्तर तक शिकायत की,लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी घटना के करीब एक सप्ताह बाद 28 जुलाई को आरोपीगण दरगाही,मनोज,मान सिंह व जयसिंह ने दयाराम के घर में घुसकर इसी विवाद के चलते फिर मारपीट की। काफी जद्दोजहद के बाद इस घटना के संबंध में चारों आरोपियों पर मुकदमा दर्ज हुआ,लेकिन पूर्व में हुई घटना के संबंध में सिपाहियों का नाम आने के चलते पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से परहेज रखा। अभियोगी दयाराम ने सिपाही समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज कराने को लेकर कोर्ट की शरण ली। जिसके संबंध में सीजेएम आशारानी सिंह ने थाने से आख्या तलब की।
थाने की पुलिस ने 28 जुलाई को दर्ज हुए मुकदमें के संबंध में रिपोर्ट भेज दिया और 19 जुलाई की घटना को लेकर पड़ी अर्जी के सम्बंध में भ्रामक रिपोर्ट प्रेषित कर दी। अर्जी पर सुनवाई के पश्चात सीजेएम आशारानी सिंह ने भ्रामक रिपोर्ट के आधार पर ही दोनो घटनाएं अलग-अलग दिन घटित होने के बावजूद एक ही मुकदमा दर्ज होने के आधार पर प्रार्थना पत्र को निराधार मानते हुए खारिज कर दिया। सीजेएम के इस आदेश को गलत ठहराते हुए अभियोगी दयाराम ने सत्र न्यायालय में चुनौती दी। अभियोगी की निगरानी पर सुनवाई के पश्चात एडीजे चतुर्थ ने अलग-अलग घटनाओं के संबंध में एक ही एफआईआर दर्ज होने के आधार पर प्रार्थना पत्र को खारिज किया जाना गलत ठहराते हुए सीजेएम का आदेश निरस्त कर दिया है। सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार शुक्ल ने सीजेएम को प्रकरण में पुन:सुनवाई कर उचित आदेश पारित करने का निर्देश दिया है।
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