मामला कोतवाली नगर थाना क्षेत्र स्थित सिंडीकेट बैंक शाखा से जुड़ा हुआ है। आरोप के मुताबिक कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के अभियाकला निवासिनी दलित सुमेरा देवी व उसके बेटे अवधेश के नाम दर्ज रही भूमि नेशनल हाई-वे निर्माण के लिए अधिग्रहित की गयी। जिसके बदले में सिंडीकेट बैंक स्थित दोनों के खाते में 82.78 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। इन रुपयों को दिलाने के लिए मदद के नाम पर सुमेरा के गांव के ही सुरेमन वर्मा, कोटेदार व उसके लड़के विजय मिश्रा ने मुख्य आरोपी उदयराज वर्मा निवासी लोदीपुर को मिलाकर तत्कालीन बैंक मैनेजर, लेखपाल समेत अन्य आरोपियों की मिली-भगत से धोखाधड़ी करके उनके खाते से मई 2016 में 82.78 लाख रुपए उदयराज वर्मा के खाते में आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दिए गए।
जिसके बाद मुआवजे की रकम पाने के लिए दलित मां-बेटे थाना,बैंक व उच्चाधिकारियों के दफ्तर के चक्कर कई महीनों तक लगाते रहे,लेकिन किसी को भी उनकी परेशानी नहीं दिखाई पड़ी। काफी जद्दो-जहद के बाद तत्कालीन डीएम हरेन्द्रवीर सिंह के निर्देश पर सीआरओ व एसडीएम ने मामले की जांच की तो प्रथम दृष्टया जांच में आरोप की पुष्टि भी हुई। इसी आधार पर आरोपियों के खिलाफ बीते 28 जुलाई को कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज किया गया, लेकिन करीब 11 माह बाद भी पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मौजूदा समय में मामले की तफ्तीश सीताकुण्ड चौकी प्रभारी आदित्य यादव के जरिए की जा रही है।
पूर्व के विवेचकों की तरह ही इनके जरिए भी विवेचना में कोई खास रुचि नहीं ली गयी। नतीजतन आरोपी अब भी बेखौफ होकर घूम रहे हैं और दलित मां-बेटे जहां से चले थे वहीं पर अभी भी खड़े हैं। मामले में सुमेरा देवी की तरफ से प्रस्तुत की गयी मॉनिटरिंग अर्जी पर सीजेएम आशा रानी सिंह ने कड़ा रूख अपनाते हुए विवेचक आदित्य यादव को अभिलेखों के साथ तलब किया है।
फिलहाल बीते बीस जून को मामले की तफ्तीश एसपी के जरिए कोतवाली से हटाकर क्राइम ब्रांच के सुपुर्द कर दी गयी। सीजेएम ने अभियोगिनी के अधिवक्ता अंकुश यादव की मांग पर 16 जुलाई के लिए क्राइम ब्रांच के विवेचक को केस डायरी व अद्यतन आख्या के साथ तलब करने का आदेश जारी किया था। जिसके क्रम में सोमवार को विवेचक पीएन सोनकर केस डायरी व अन्य अभिलेखों के साथ कोर्ट में तलब हुए। जिन्होंने अब तक गवाहों के लिए गये बयान व बैंक एवं एनएच 56 कार्यालय से जुटाये गये साक्ष्यों का ब्यौरा पेश किया। उनका कहना है कि कुछ अभिलेख अभी बैंक से नहीं मिल पाये हैं,जिसके लिए उन्हें रिमाइंडर भेजा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि इसके पहले पूर्व में दरोगा प्रदुम्न सिंह,अमरेंद्र सिंह व आदित्य यादव के जरिए विवेचना की जाती रही।