केस दर्ज करने के कोर्ट के आदेश पर सांसद मेनका गांधी की मुश्किलें बढ़ने के आसार हैं। अधिवक्ता एवं पत्रकार राजेश मिश्रा ने अपनी याचिका में कहा है कि सांसद ने विगत 10 अगस्त को दुबेपुर ब्लॉक में आयोजित जिला एवं निगरानी समिति के बैठक में यह बयान दिया कि आम आदमी को मास्क लगाने के लिए न कहा जाए, वह मरें तो हमारी बला से। पत्रकार राजेश मिश्र ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि सांसद मेनका संजय गांधी ने कोरोना महामारी के दौर में भी भीड़ इकट्ठा कर बैठक की थी। उसी बैठक में यह बयान भी दिया था कि पत्रकार ब्लैकमेलर होते हैं।
बैठक में जिलाधिकारी सी. इंदुमती, पुलिस अधीक्षक शिवहरी मीणा समेत तमाम अधिकारी और मीडिया के लोग मौजूद थे। अधिवक्ता एवं पत्रकार राजेश मिश्रा ने सांसद मेनका गांधी के इस बयान को आधार बनाते हुए अपर सत्र न्यायाधीश एमपी एमएलए अदालत में मानहानि समेत विभिन्न धाराओं में याचिका दाखिल की। जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। इस याचिका के स्वीकार होने से श्रीमती गांधी की मुश्किलें बढ़ने के आसार नजर आ रहे है। अब अदालत वादी राजेेश मिश्र के बयान के बाद सांसद मेनका गांधी को तलब करने का आदेश दे सकती है। अदालत के इस निर्णय को लेकर सुल्तानपुर के राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। मामले में अगली सुनवाई 2 सितम्बर को होनी निश्चित हुई है।