शासन की मंशानुसार इस सुरक्षा योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए एसपी ने रोटेशन चार्ट बनवाना शुरू कर दिया है। इसके लिए जिलों को कई भागों में बांटा जाएगा। मसलन थानों की तरह शहरों में भी चैकी क्षेत्रों के अलावा हल्कों मेें क्षेत्रों का बंटवारा रहेगा। इसका सीधा सा मतलब और मकसद यह है कि छोटे-छोटे हिस्सों में बांटने से प्रभावी पेट्रोलिंग हो सकेगी। इसके लिए रात्रि गश्त और सुरक्षा की नाइट चेकिंग (रात्रिकालीन निरीक्षण) के लिए एक राजपत्रित अधिकारी कम से कम डिप्टी एसपी स्तर की ड्यूटी लगेगी। वह अधिकारी रात्रि गश्त, पेट्रोलिंग पार्टियों से लेकर डायल 100 तक के वाहनों के नेटवर्क पर नजर रखने के साथ ही देर रात को मिलने वाली आपराधिक सूचनाओं पर तत्काल प्रभावी कार्यवाही कराएंगे।
शासन का मानना है कि ऐसा करनेसे पुलिस के रिस्पांस से लेकर घटना की सूचना पर घेराबंदी से लेकर कार्यवाही के निर्णय भी बेहतर होंगे। सरकार और शासन की मंशा फिलहाल अभी शहरों और जिला मुख्यालयों के नजदीकी थाना क्षेत्रों में ही लागू करने की है । एसपी अमित वर्मा ने बताया कि भोर में अपराधियों की नकेल कसने के लिये ऐसी मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में पुलिस के सामने अपराधियों से निपटने मेें सहूलियत होगी। दरअसल घटना होने और पुलिस सूचना पाने के बाद पुलिस की नाकेबंदी को लेकर भी कई सवाल खड़े होते रहते हैं । दूसरी तरफ आॅन रिकार्ड गश्त होने के बाद भी चोरी व नकबजनी की बढ़ती घटनाओं ने भी अधिकारियों के माथे पर बल ला दिया है और सुरक्षा व्यवस्था पर उठते लगातार सवालों पर अधिकारियों की चिन्ता बढ़ा दी है ।
एसपी अमित वर्मा ने बताया कि जल्द ही जिले में सुरक्षा व्यवस्था चाक चैबंद होगी। उन्होंनें कहा कि क्योंकि अधिकारियों का नजरिया बड़ा होता है और उनकी जिम्मेदारी भी बड़ी होती है । एसपी श्री वर्मा बताते हैंे कि किसी भी पुलिसकर्मी के लिए रात्रि भर हर वक्त मुस्तैद रहना सम्भव नहीं रहता । लिहाजा रात्रिकालीन पेट्रोलिंग की मानीटरिंग के लिए सप्ताह में हर दिन अलग अलग अधिकारियों की ड्यूटी होगी । इससे व्यवस्था के बेहतर परिणाम सामने आएंगे ।