ग्रामीणों द्वारा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की गई शिकायत के जवाब में सहायक विकास अधिकारी पंचायत कुडवार अजय श्रीवास्तव द्वारा लगाई गई रिपोर्ट से इस बात का बड़ा खुलासा सामने आया है। सहायक विकास अधिकारी पंचायत कुडवार की रिपोर्ट में अभी भी मोदी सरकार की योजना ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत जिले में शौचालय बनना बाकी है, तो आखिर जनपद खुले से शौच मुक्त (ओडीएफ) कैसे हो गया?
कुड़वार क्षेत्र का पूरे चेरे मिश्र गांव का ओडीएफ घोषित कर दिया गया, लेकिन इसकी हकीकत तब सामने आई, लेकिन जब गांव के रामानंद मिश्रा ने सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर जिला अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी को खुले में शौच जाने के अनुमति की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि पूरा गांव के ओडीएफ घोषित होने के बाद अब वह खुले में शौच करेगा तो उसे दोषी माना जाएगा। लेकिन जब पूरा गांव कागज पर ही ओडीएफ है तो सिर्फ कागजों में बने शौचालयों में नित्यक्रिया कैसे की जाये?
पड़ताल में आया सामने
शिकायत के बाद हरकत में आये प्रशासन ने पड़ताल की तो पता चला कि गांव के सभी 580 घरों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, लेकिन हकीकत में सिर्फ 100 घरों में ही शौचालय बना है, शेष 480 में कागज पर ही शौचालय बने हैं। कागजों में ओडीएफ जनपद का कोई नया मामला नहीं है, इससे पहले भी अलग-अलग विकास खंडों में ऐसे मामले उजागर हुए हैं।
एडीओ पंचायत बोलेकुडवार, एडीओ पंचायत अजय कुमार श्रीवास्तव कि 2012 की सूची के तहत गांव में शौचालय बन गए हैं और नई सूची के तहत शौचालय बनवाये जा रहे हैं। रामानंद मिश्रा की शिकायत पर जांच के बाद शीघ्र ही उनका शौचालय बनवा दिया जाएगा।