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अपहरण, रेप फिर निकाह… 10 साल बाद जो बात आई सामने, अदालत ने सुना दी ये हैरान कर देने वाली सजा

locationसुल्तानपुरPublished: Jul 12, 2019 05:02:36 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

दस वर्ष के कारावास व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है

sultanpur

अपहरण, रेप फिर निकाह… 10 साल बाद जो बात आई सामने, अदालत ने सुना दी ये हैरान कर देने वाली सजा

सुलतानपुर. हाईस्कूल की परीक्षा देने गयी किशोरी के अपहरण एवं दुष्कर्म के मामले में एफटीसी प्रथम की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट जज मनोज कुमार सिंह ने दोषी को दस वर्ष के कारावास व 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के वेदौली शंकरपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले वसीम अहमद, शरीफ, कौशर अली, बिनाऊ, महरूल निशां व दो-तीन अज्ञात के खिलाफ अभियोगिनी ने दो अपैल 2013 की घटना बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक उसकी 15 वर्षीय पुत्री घटना के दिन हाईस्कूल की परीक्षा देने गयी थी। जहां से लौटते समय आरोपीगण गाड़ी में जबरन बैठाकर उसे उठा ले गये। मामले में काफी दिनों तक सूचना के बाद भी पुलिस एफआईआर से परहेज करती रही। यहां तक कि पीड़ित पक्ष को केस दर्ज कराने पर जान से मार डालने की धमकी भी मिली।
काफी जद्दोजहद के बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। पीड़ित पक्ष ने अपनी बेटी की हत्या होने की आशंका जताई तो हरकत में आयी पुलिस ने उसकी खोज-बीन शुरू की। जिसके बाद आरोपी शमीम अहमद निवासी वेदौली शंकरपुर का नाम प्रकाश में आया। जिसके कब्जे से अपहृत किशोरी की बरामदगी हुई। किशोरी के मेडिकल परीक्षण व दिये गये बयान में दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
इसके साथ यह भी खुलासा हुआ कि शमीम ने गलत ढ़ंग से उसे बालिग दिखाकर हाईकोर्ट से राहत ली एवं फर्जी ढंग से निकाहनामा भी करवाया। मामले की तफ्तीश पूरी होने के बाद विवेचक ने नामजद आरोपियों को क्लीन चिट दे दी, जबकि प्रकाश में आये आरोपी शमीम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। मामले का विचारण एफटीसी प्रथम की अदालत में चला। इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर आरोपी को बेकसूर बताया।
वहीं अभियोजन पक्ष के निजी अधिवक्ता अयूबउल्ला खान एवं शासकीय अधिवक्ता दानबहादुर वर्मा ने छ: गवाहों को परीक्षित कराकर आरोपी को कड़ी सजा से दंडित किये जाने की मांग की। उभय पक्षों को सुनने के पश्चात एफटीसी जज मनोज कुमार सिंह ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष के कारावास एवं 30 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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