बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश सूबे के प्राथमिक विद्यालयों एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पाठ्यक्रम में शामिल और पढ़ाई जाने वाली पाठ्य पुस्तकों का खुद मुद्रण कराकर पूरे प्रदेश में वितरित करता है। इन किताबों के मुद्रण के लिए बेसिक शिक्षा विभाग का अपना पाठ्य पुस्तक विभाग शिक्षा निदेशालय बेसिक है। इसी में तैनात है सभी विषयों की एक विशेषज्ञ लोगों की टीम जो पाठ्यक्रम से लेकर सामग्री तय करती है। उसके पहले विषय विशेषज्ञ पाठ्य सामग्री का अध्ययन कर पाठ में शामिल करने की सहमति प्रदान करता है। पाठ्य पुस्तकों में गलती नहीं हो, इसके लिए कई चरणों में जांच होती है। जब सभी चरणों से हो जाती है, तो किताबों को वितरित करने के लिए भेजा जाता है। ये किताबें आगरा की पायनियर प्रिंटर्स मुद्रक महल से प्रकाशित की गई हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि इतनी बड़ी मिस्टेक किस स्तर पर हुई, पता नहीं चल पा रहा है। फिलहाल बताया जाता है कि आगरा से प्रकाशित इस किताब की 2 लाख 15 हजार 183 प्रतियों का प्रकाशन हो चुका है।
इस सम्बंध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष दिलीप कुमार पांडेय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मतिथि छात्र-छात्राओं को गलत पढाई जा रही है, जो क्षम्य नहीं है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि ऐसे प्रकाशन संस्थान को काली सूची में डालकर कानूनी कार्यवाही की जाये।