कम्पनी का 80 हजार डॉलर लेकर फरार हुआ था नटवरलाल
मामला जिले के लम्भुआ थाना क्षेत्र के गजापुर गांव से जुड़ा है, जहां का रहने वाला सुधीर त्रिपाठी हरारे-जिम्बांबे इंटर नेशनल एयरपोर्ट पर स्थित अफ्रीका ड्यूटी फ्री इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शॉप पर जनरल मैनेजर का काम करता था, जो कि शॉप से बेचे गये माल की रकम को अपने पास ही रखता था और बाद में कम्पनी को जमा करना पड़ता था। कंपनी को उस पर करीब दो वर्षों से काम करने के चलते काफी भरोसा भी था। इसी भरोसे का फायदा उठाकर सुधीर त्रिपाठी ने शाप से बेचे गये माल के बदले में मिले 80 हजार अमेरिकन डालर का गबन कर लिया। जिसकी जानकारी कंपनी वालों को अगले दिन 11 जुलाई 18 को शाप पर सुधीर के न जाने पर मिली। सुधीर ने यह रूपये अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। कंपनी के रूपयों की वसूली की तलाश में कंपनी का अधिकारी राहुल सूद बीते चार अगस्त को सुधीर के गांव पहुंचा तो सुधीर व उसके घर वालों ने रूपये देने से मना कर दिया आैर राहुल को जान से मारने की धमकी भी दी। इस संबंध में राहुल सूद ने लंभुआ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था ।
गिरफ्तारी से बचने को आरोपी गया था हाई कोर्ट
दर्ज मुकदमें में गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी सुधीर त्रिपाठी ने उच्च न्यायालय की शरण ली थी , जिस पर सुधीर त्रिपाठी की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने सशर्त रोक भी लगायी थी । पुलिस के मुताबिक सुधीर ने निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया।
विदेश भागने की फिराक में था आरोपी
वहीं विवेचक सच्चिदानंद पाठक ने सुधीर को विदेश भाग जाने की संभावना बताते हुए गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार को उसे सीजेएम की अदालत में पेश किया गया। जिसकी गिरफ्तारी पर सवाल खड़ा करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने रिमांड पर विरोध भी जताया। अभियोजन अधिकारी विजय सरोज ने गिरफ्तारी को जायज बताते हुए रिमांड स्वीकार करने की मांग की। तत्पश्चात सीजेएम आशारानी सिंह ने मौजूद साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तारी को सही मानते हुए रिमांड स्वीकार कर ली आैर आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।