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राम भरोसे शिक्षा-व्यवस्था! सरकारी स्कूलों में टीचर ही नहीं, अटैच कर चलाये जा रहे विद्यालय

locationसुल्तानपुरPublished: Aug 19, 2019 05:03:06 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

– जिला समन्यवक प्रशिक्षक बोले, शासन ने शिक्षकों के चयन और समायोजन पर लगाई पूर्ण पाबंदी- डिप्टी एसडीआई ने कहा- शिक्षकों की कमी के बारे में शासन को अवगत कराया गया है। अभी शिक्षामित्रों से काम चलाया जा रहा है

reality check

राम भरोसे शिक्षा-व्यवस्था! सरकारी स्कूलों में टीचर ही नहीं, अटैच कर चलाये जा रहे विद्यालय

पत्रिका एक्सक्लूसिव
रामसुमिरन मिश्र
सुलतानपुर. जिले में शिक्षा व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। 10 साल पहले 2009 में शिक्षा गारण्टी अधिनियम लागू होने के बाद भी जिले की प्राथमिक शिक्षा एवं उच्च प्राथमिक शिक्षा बेपटरी है। प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चे तो हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं। यह हाल जिले के ग्रामीण क्षेत्रों का ही नहीं, बल्कि शहरी क्षेत्र में स्थित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का भी है। कई विद्यालय तो एक टीचर के भरोसे ही चल रहे हैं और कई विद्यालयों में टीचर ही नहीं है, नजीजन उन्हें दूसरे विद्यालयों से अटैच कर चलाया जा रहा है। ऐसे में बच्चों का भविष्य को लेकर बड़ा सवाल है। जिला समन्यवक प्रशिक्षक डॉ. शरद कुमार सिंह ने बताया कि शासन ने शहरी क्षेत्र के स्कूलों में नये चयन और समायोजन पर पूर्ण पाबंदी लगाई है, जिसके चलते जिले में शिक्षकों की भारी कमी है। इसके बारे में शासन को बार-बार अवगत कराया जा रहा है।
जिले में कुल 1735 प्राथमिक विद्यालय और 612 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इनमें करीब दो लाख छात्रा-छात्राएं अध्ययनरत हैं। वहीं, शहरी क्षेत्र में स्कूलों की कुल संख्या 32 है, जिनमें 2207 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें 1130 छात्र और 1077 छात्राएं हैं। शहरी क्षेत्र के इन 32 विद्यालयों में एक प्रधानाध्यापक 90 सहायक अध्यापकों के पद हैं, लेकिन यहां सिर्फ 8 प्रधानाध्यापक और 13 सहायक शिक्षक ही कार्यरत हैं। इनमें 70 शिक्षकों के पद खाली हैं। ऐसी ही हालत उच्च प्राथमिक विद्यालयों की भी है। यहां केवल नगर क्षेत्र में 6 जूनियर हाईस्कूल हैं। इन स्कूलों में 318 बच्चों का पंजीयन है, जिसमें 167 छात्र एवं 151 बालिकाएं हैं। शहरी क्षेत्र के 6 जूनियर हाईस्कूल में एक प्रधानाध्यापक और 18 सहायक अध्यापकों का पद है, लेकिन यहां एक प्राधानाध्यापक और 8 सहायक अध्यापक ही कार्य कर रहे हैं। इस तरह जूनियर हाईस्कूल में भी 9 शिक्षकों की कमी है।
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15 प्राथमिक और 2 जूनियर हाईस्कूल में एक ही टीचर
शहरी क्षेत्र के 25 प्राथमिक विद्यालयों और जूनियर हाईस्कूलों में मात्र एक-एक शिक्षकों की तैनात है। प्राथमिक विद्यालय बढ़ियाबीर, सिविल लाइंस, डढ़वा, देवगढ़, गभड़िया प्रथम, गभड़िया द्वितीय, घरहा, गोलाबारिक, लोहरामऊ, लोलेपुर, मेजरगंज, मुराइटोला, शाहगंज, शास्त्रीनगर और संगमलाल में एक-एक शिक्षकों की पोस्टिंग है।
अध्यापक विहीन हैं तीन विद्यालय
जिले की शिक्षा-व्यवस्था इस कदर चौपट है कि शहरी क्षेत्र के 2 प्राथमिक विद्यालयों (जूनियर हाईस्कूल प्यारेपट्टी और घासीगंज) में एक भी शिक्षक की पोस्टिंग नहीं हुई है। यहां तक कि इन स्कूलों में शिक्षामित्र की भी पोस्टिंग नहीं है। यहां के छात्र-छात्राओं को अन्य स्कूलों में संबद्ध करके पढ़ाई कराई जा रही है। इसी तरह जूनियर हाईस्कूल नगरपालिका में भी कोई शिक्षक और अनुदेशक को पोस्ट नहीं किया गया है। यहां की पढ़ाई उधार के शिक्षकों पर निर्भर है। बड़ा सवाल यह है कि एक शिक्षक या फिर शिक्षामित्र 5 कक्षाओं को कैसे पढ़ा पाएगा।
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एक स्कूल में चल रहे 5 स्कूल
शहरी क्षेत्र के तीन जूनियर हाईस्कूल के परिसर में कई स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। खैराबाद जूनियर हाईस्कूल परिसर में से प्राथमिक विद्यालय खैराबाद , प्राथमिक विद्यालय महानन्दपुर और प्राथमिक विद्यालय शास्त्रीनगर चल रहा है। संगमलाल उच्च प्राथमिक विद्यालय परिसर में से प्राथमिक विद्यालय सिविल लाइन तथा बढियाबीर की कक्षाएं चलती हैं। इसी तरह जूनियर हाईस्कूल मेजरगंज में से प्राथमिक विद्यालय मेजरगंज प्रथम, मेजरगंज द्वितीय की कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। गौरतलब है कि एक विद्यालय में अमूमन तीन से चार कमरे (अध्ययन कक्ष) होते हैं। यहां भी बड़ा सवाल यह उठता है कि एक ही स्कूल से संचालित 4-4 स्कूलों के बच्चे आखिर किन हालातों में पढ़ते होंगे ?
डिप्टी एसडीआई बोले- शासन को कराया अवगत
शहरी क्षेत्र में शिक्षकों की कमी है। इसके बारे में शासन को अवगत कराया गया है। अभी शिक्षामित्रों से काम चलाया जा रहा है।- राधेश्याम, डिप्टी एसडीआई, सुलतानपुर
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