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वरुण गांधी ने दिया भावुक कर देने वाला बयान- मैं रहूं न रहूं पर लोग मुझे याद करें

locationसुल्तानपुरPublished: Mar 07, 2018 06:11:20 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

बीजेपी नेता एवं ज़िले के सांसद वरुण गांधी बुधवार को यहां एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे।

Varun Gandhi

Varun Gandhi

सुलतानपुर. सुलतानपुर। लोकतन्त्र का मतलब यह नहीं होता है कि किसी एक के हाथ में ढेर सारी ताकतें हों बल्कि लोकतन्त्र का मतलब है सबके हाथ में ताकत हो। यह बातें अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आये सांसद वरूण गांधी ने बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह में कही। वरुण गांधी ने जहां अपने एक दिवसीय दौरे पर जिले को पासपोर्ट कार्यालय का तोहफा दिया वहीं एक हजार अधिवक्ताओं के बैठने की क्षमता वाले वातानुकूलित तथा सारी सुविधाओं से लैस सभाकक्ष के निर्माण के लिए सांसद निधि से डेढ़ करोड़ की धनराशि देने की घोषणा भी की। 
वरूण गांधी को बताया गया हनुमान जी का उपासक-

दिल्ली से आए सांसद वरूण गांधी ने सीधे प्रधान डाकघर में खुले नवनिर्मित पासपोर्ट कार्यालय का फीता काटकर शुभारम्भ किया और इस पासपोर्ट कार्यालय में पांच लोगों को पंजीयन प्रमाणपत्र दिया। सांसद ने अपने सम्मान में आल्हा गा रहे व्यक्ति को मंच पर बुलाकर उसे गले लगाया और उसके साथ फोटो खिंचवाई। उसके बाद वे सीधे कलेक्ट्रेट स्थित अधिवक्ताओं के होली मिलन समारोह में पहुंचे। जहां पर उनका अधिवक्ताओं ने भारी भरकम माला पहनाकर स्वागत किया। समारोह का संचालन कर रहे करूणाशंकर द्विवेदी एडवोकेट ने सांसद वरूण गांधी को हनुमान जी का उपासक बताया और कहा कि जिस प्रकार हनुमानजी को उनकी ताकत का एहसास कराना पड़ता था, उसी प्रकार उनके भक्त वरूण गांधी को भी उनकी ताकत एवं पहुंच का एहसास कराना पड़ता है।
“मैं रहूं न रहूं लोग याद करें”-

उन्होंने वरूण गांधी द्वारा 2014 में सांसद चुने जाने के बाद से अब तक जिले की जनता के लिए जो कुछ किया है, उसका विस्तार से बखान किया। यहां सांसद वरूण वरूण गांधी ने अपना सम्बोधन शुरू करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि समाज के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान हो। मैं राजनीति में नाम व पैसा कमाने के लिए नहीं आया हूं। राजनीति सेवा करने का एक रास्ता है, जंग नहीं। उन्होंने कहा कि जिस दिन भी मेरे ऊपर दो रूपये का भी आरोप लगेगा में राजनीति को ठोकर मार दूंगा। मैं चाहता हूं कि सुलतानपुर भ्रष्टाचारमुक्त जिला बने। मैंनें अपने पिता स्व0 संजय गांधी को नहीं देखा है, लेकिन सुलतानपुर जिले में उन्हीं की यादों के सहारे पहुंचा हूं। सुलतानपुर रायबरेली अमेठी के लोग मेरे परिवार के लोग हैं। जब चाहें दिल्ली आकर अपनी समस्या बता सकते हैं। मैं उनके सुख दुख में हमेशा खड़ा मिलूंगा। मैं सुलतानपुर में ऐसा काम कराना चाहता हूं कि मैं रहूं न रहूं लोग याद करें। इससे पहले उन्होंने वकीलों के एल्डर्स कमेटी के पांच वरिष्ठ अधिवक्ताओं को माल्यार्पण कर व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
यहां उन्होंंने अपने सम्बोधन में पुलिस पर तंज़ कसा और कहा कि एक आम आदमी पुलिस से दुश्मनी लेकर नहीं रह सकता। इस मौके पर एक युवा ने पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया तो वरुण बोले ये पैर छूकर हमारा जीवन बढ़ा रहे हैं। 

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