सवा लाख की आबादी वाले शहर में सर्दी से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। जबकि करीब आधा दिसंबर माह बीत चुका है। यहां तक कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी गरीबों में कंबल नहीं बांटा जा सका है। सर्दी से निपटने के लिए दो रेन बसेरा हैं। लेकिन अभी तक वहां कोई इंतजाम नहीं किया गया है। प्रशासन की ओर से भी रैन बसेरा शुरू करने और अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं शुरू की जा सकी है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आने वाले 48 घण्टों में तापमान में तेजी के साथ गिरावट दर्ज की जायेगी, जिससे ठंड का कहर बढ़ेगा। मौसम के जानकार डॉ जेपी तिवारी ने बताया कि पहाड़ों पर हुई बर्फबारी से मौसम में ठंढ बढ़ रही है। पहाडों से आने वाली पछुआ बर्फ़ीली हवाएं लोगों को ठिठुरने के लिए बाध्य करेंगी। जिले का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में पारा और नीचे की तरफ खिसकेगा।