scriptभालुओं के दौड़ाने से पुल से नीचे गिरे युवक की मौत के बाद मचा हंगामा, पूर्व गृहमंत्री को करना पड़ा हस्तक्षेप | Bears attack: Uproar after the death of young man which running bears | Patrika News

भालुओं के दौड़ाने से पुल से नीचे गिरे युवक की मौत के बाद मचा हंगामा, पूर्व गृहमंत्री को करना पड़ा हस्तक्षेप

locationसुरजपुरPublished: Oct 15, 2020 10:12:57 pm

Bears attack: गंभीर हालत में युवक को स्थानीय अस्पताल से अंबिकापुर के निजी अस्पताल (Private hospital) में कराया गया था भर्ती, इलाज के दौरान तोड़ा दम

भालुओं के दौड़ाने से पुल से नीचे गिरे युवक की मौत के बाद मचा हंगामा, पूर्व गृहमंत्री को करना पड़ा हस्तक्षेप

Young man who death

सूरजपुर. ओडग़ी के ग्राम चपदा में भालुओं के दौड़ाने (Bears attack) से पुल के नीचे गिरे युवक की निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत (Young man death) हो गई। मौत के बाद गुरुवार को मुआवजे को लेकर भारी हंगामा मचा रहा। बाद में पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैंकरा के हस्तक्षेप के बाद वन विभाग (Forest department) द्वारा सहायता राशि दी गई। इसके बाद मामला शांत हो गया।

सूरजपुर जिले के ओडग़ी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम चपदा निवासी रामप्रसाद सिंह का 18 वर्षीय पुत्र रामसाय बुधवार को भोर में रोज की तरह टहलने निकला था। इसी बीच रास्ते मे उसका सामना 2 भालुओं से हो गया जिन्हें देख कर वह भागने लगा और पीछें भालुओ को आता देख पुल पर हड़बड़ा गया और सीधे पुल के नीचे जा गिरा।
इससे उसे बेहद चोटें आई। घटना के दौरान नदी में मछली मार रहे लोगों ने देखा और अन्य ग्रामीणों की मदद से उसे बाहर निकाल कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ओडग़ी लाया गया। यहां डॉक्टरों द्वारा युवक की स्थिति गंभीर होते देख संजीवनी एक्सप्रेस के माध्यम से अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया।
यहां उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों के द्वारा इलाज करने से पहले युवक के परिजनों से स्मार्ट कार्ड, राशन कार्ड एवं अन्य दस्तावेज लेने के बाद उसका इलाज करना शुरू किया परंतु इलाज के दौरान ही रात में युवक की मौत हो गई।

वन विभाग पर भी भडक़े लोग
इधर गांव में गुरुवार को शव पहुंचा तो लोगों वन विभाग से राहत राशि दिए जाने की मांग की तो वन विभाग ने पहले राहत राशि देने से यह कह कर इंकार कर दिया कि भालुओं ने हमला नही किया है।
इसे लेकर ग्रामीण हंगामा करने लगे जिस पर पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा (Former Home Minister) द्वारा उच्च अधिकारियों से चर्चा की गइ, इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों एवं एसडीएम द्वारा दाह संस्कार के लिए 10 हजार रुपए दिया गया।
वहीं शासन स्तर से जितनी भी मुआवजा राशि मिलता है उसे पूरा दिलाने का आश्वासन दिया, तब ग्रामीण शांत हुए और शव का अंतिम संस्कार किया। इस दौरान भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश तिवारी के साथ अन्य ग्रामीण सक्रिय रहे।

पुलिस के हस्तक्षेप पर अस्पताल से मिला शव
मौत के बाद निजी अस्पताल द्वारा परिजनों को डेढ़ लाख रुपए का बिल थमा दिया। इस पर परिजनों ने कहा कि हम स्मार्ट कार्ड के माध्यम से इलाज करा रहे थे, इतना रकम जमा नहीं कर पाएंगे, जिस पर निजी अस्पताल द्वारा मृतक का शव देने से मना कर दिया गया। जबकि वे इलाज के दौरान किसी तरह इंतजाम कर 80 हजार जमा करा चुके थे।
अस्पताल प्रबंधन शेष राशि के लिए दबाव बना रहा था। इसकी जानकारी पूर्व गृह मंत्री व ओडग़ी मण्डल अध्यक्ष को दी गई तो उन्होंने पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से बात कर अस्पताल प्रबंधन की मनमानी की शिकायत की।
इसके बाद कोतवाली पुलिस (Kotwali Police) पहुंची, तब परिजनों को शव दिया गया, लेकिन उसके पहले शेष राशि दिए जाने की गारंटी लिखवा ली गई थी।

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