कलक्टर केसी देवसेनापति की अध्यक्षता में यहां दो दिन तक लगातार जनशिक्षक, विकासखण्ड शिक्षाधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी व बीआरसीओ की बैठक जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित की गई थी। इसमें कलक्टर ने जिले में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश देते हुए बीईओ व जनशिक्षकों से यह जानना चाहा कि पिछले वर्ष कितने लापरवाह शिक्षकों को नोटिस जारी की गई और क्या कार्रवाई की गई।
इसकी जानकारी 7 दिन के भीतर उन्हें दें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक स्कूलों में समय पर शिक्षकों की उपस्थिति हो। उन्होंने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि समय-समय पर उन्हें यह शिकायत मिलती रहती है कि शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते। इसके लिए उन्होंने लगातार मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं और कड़े लहजे में कहा है कि कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों के विरूद्ध तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
कम हुई ग्रेडिंग तो खैर नहीं
बैठक में मौजूद जिला पंचायत के सीईओ संजीव कुमार झा ने 1 अगस्त से 31 अगस्त तक चल रहे ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण की जानकारी देते हुए स्कूल परिसर में साफ-सफाई, शौचालयों की साफ -सफाई पर विशेष ध्यान देने की निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया है कि सर्वेक्षण में प्रत्येक विद्यालय के लिए 100 अंक निर्धारित है।
जहां परिसर, सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई के साथ-साथ बच्चों की शारीरिक स्वच्छता पर भी आधारित है। उन्होंने कहा है कि किसी भी हालत में विद्यालयों की ग्रेडिंग कम नहीं होनी चाहिए। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी राजेश सिंह ने सभी बीईओ व जन शिक्षकों से कहा है कि वे अपने क्षेत्र के शालाओं की सतत निगरानी करते हुए लापरवाह शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए प्रस्ताव कार्यालय को भेंजे। इस बैठक में जिला मिशन समन्वयक सुदर्शन अग्रवाल, अजय मिश्रा, दिनेश कौशिक आदि उपस्थित थे।
सामुदायिक सहयोग से सुधारें विद्यालयों की स्थिति
उन्होंने कहा कि सामुदायिक सहयोग के बगैर विद्यालयों की स्थिति में सुधार नहीं हो सकता। लिहाजा प्रत्येक विद्यालयों को समुदाय से जोड़ा जाए और जनशिक्षक अपने क्षेत्र के प्रति विद्यालय के कम से कम दो अभिभावकों से निरंतर संपर्क बनाए रखें।
माह के प्रथम शनिवार को सभी विद्यालयों में शाला प्रबंध एवं विकास समिति की बैठक तथा चतुर्थ शनिवार को शिक्षक पालक समिति की बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि क्षेत्र के भ्रमण के समय विद्यालयों में इस आशय की पंजी संधारित नहीं पाई गई तो संबंधित प्रधानपाठक एवं जनशिक्षकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।