उन्होंने इसकी सूचना गांव में दी। ग्रामीणों की सूचना पर वन अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे और महिला का शव बरामद किया। वन विभाग द्वारा मृतिका के परिजनों को आर्थिक सहायता राशि प्रदान की गई। इधर ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति आक्रोश भी है कि गांव से लगे जंगल में हाथी आने की सूचना उन्हें नहीं दी जाती है।
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सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम धरमपुर निवासी 50 वर्षीय शांति गोंड़ पति स्व. कतवारी शुक्रवार की सुबह 6 बजे गांव से लगे जंगल में महुआ बीनने गई थी। इसी दौरान जंगल से निकलकर एक हाथी वहां आ धमका। यह देख महिला भागने लगी लेकिन हाथी ने उसे सूंड में लपेटकर जमीन पर पटक दिया।
दो-तीन बार पटके जाने से महिला की मौके पर ही मौत हो गई। यह नजारा देख वहां मौजूद अन्य ग्रामीण जान बचाकर भागे और गांव में सूचना दी। वहीं ग्रामीणों की सूचना पर वन कर्मचारियों ने आला अधिकारियों को सूचित किया।
जंगल से बरामद हुआ महिला का शव
हाथी द्वारा महिला को मार डालने की सूचना के बाद काफी संख्या में ग्रामीण, रेंजर पीसी मिश्रा, डिप्टी रेंजर समेत वन कर्मचारियों की टीम कुछ देर बाद जंगल में पहुंची। उन्होंने महिला का शव बरामद किया।
पीएम पश्चात उन्होंने शव उसके परिजनों को सौंप दिया। रेंजर ने महिला के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि के रूप में 25 हजार रुपए प्रदान किए।
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वन विभाग का सूचना तंत्र फेलप्रतापपुर वन परिक्षेत्र के हाथी प्रभावित क्षेत्र में विभाग द्वारा अलार्म लगाया गया था जो हाथी (Elephant) के आने की सूचना देता था। यह अलार्म भी मात्र शो पीस बनकर रह गया है। इन दिनों काफी संख्या में ग्रामीण महुआ बीनने जंगल में जाते है लेकिन सूचना के अभाव में वे हाथी के हमले में जान गंवा रहे हैं।
क्षेत्र में नए रेंजर की पदस्थापना के बाद से आधा दर्जन हाथी तथा हाथी के हमले में आधा दर्जन ग्रामीणों की मौत भी हो चुकी है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जब वे हाथी से संबंधित सूचना देने के लिए रेंजर (Forest Ranger) को फोन किया जाता है तो वे फोन भी नहीं उठाते।