प्रतापपुर वन मंडल के करंजवार स्थित पीएफ 36 करिया माटी जंगल की ओर सोमवार की सुबह कुछ ग्रामीण गए थे। इस दौरान उनकी नजर अचानक हाथी के शव पर पड़ी। हाथी का शव पूरी तरह सड़ चुका है। फिर उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे। यहां उनके द्वारा शव का पीएम कराने की तैयारी चल रही है।
हाथी प्रभावित क्षेत्र है यह इलाका
प्रतापपुर वन मंडल का करंजवार जंगल हाथी प्रभावित क्षेत्र रहा है। यहां वर्षभर हाथियों का आना-जाना लगा रहता है। फिलहाल प्यारे हाथी का लोकेशन भी इसी क्षेत्र में बताया जा रहा है। वहीं शव देखने के बाद यह भी लग रहा है कि कोई उसके दांत काटकर ले गया है। हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हो पाई है।
आखिर कहां ड्यूटी करते हैं अधिकारी-कर्मचारी
हाथी प्रभावित क्षेत्र में अधिकारी के साथ कई कर्मचारियों की ड्यूटी है, इसके बावजूद उनकी नजर हाथी के शव पर नहीं पड़ी। आखिर वे ड्यूटी कहां करते हैं। जबकि यह इलाका प्रतापपुर से मात्र 4 किमी की दूरी पर ही स्थित है। हाथी का शव करीब 15-20 दिन पुराना बताया जा रहा है। जिस जगह पर हाथी का शव मिला वह मुख्य मार्ग से लगा हुआ है।
नहीं रुक रहा हाथियों की मौत का सिलसिला
हाथियों की मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। 3 महीने पूर्व ही प्रतापपुर वन मंडल अंतर्गत गणेशपुर के जंगल में भी हाथी का शव मिला था। वन अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी हाथी की देख-रेख में लगती है, इसके बावजूद हाथियों की लगातार हो रही मौत भी सवालों के घेरे में है।