इसमें प्रेमनगर के ब्रम्हपुर व रामानुजनगर के पम्पापुर में आग लगने की घटना सामने आई, लेकिन दमकल वाहन दोनों में से कहीं नहीं पहुंच सका, इसकी वजह एकमात्र दमकल वाहन की प्राथमिकता इन दिनों जिले में लगी आग को बुझाना नहीं बल्कि इवीएम मशीनों की सुरक्षा और नेताओं के दौरों की है।
ऐसे में जिले में जाहिर है अगर किसी के घर, खेत या अन्य जगहों पर आग लग गई तो वह भगवान भरोसे ही बुझेगी। प्रेमनगर ब्लॉक के ब्रम्हपुर स्थित डामर प्लांट में अचानक सोमवार को आग लग गई।
हादसे में बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। बताया जा रहा है कि जिला मुख्यालय से दमकल वाहन भेजने का आग्रह किया गया था, लेकिन वाहन की उपलब्धता न होने से नगर पालिका ने हाथ खड़े कर लिए। इससे वहां उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से किसी तरह आग पर काबू पाया जा सका।
गेहूं की फसल जलकर खाक
सोमवार को ही पम्पापुर के शिवकुमार साहू की गेंहू के खेत में अचानक आग लग गई, जिससे देखते ही देखते समूचा गेंहू जलकर खाक हो गया और यही नहीं आग की लपटें उसके घरों तक पहुंच गई, जिससे घर को भी आंशिक क्षति पहुंची है। यहां भी दमकल वाहन के न पहुंचने से किसी तरह गांव के लोगों के सहयोग से आग पर काबू पाया जा सका है।
जिले में एकमात्र दमकल वाहन
जिले के सूरजपुर स्थित नगर पालिका में एकमात्र दमकल है जो इन दिनों इवीएम की सुरक्षा करना उसकी प्राथमिकताओं में है। नगर पालिका सूत्रों ने बताया कि सोमवार को इन दोनों घटनाओं की सूचना मिली थी, पर दमकल वाहन प्रेमनगर में भाजपा नेता के कार्यक्रम में ड्यूटी में होने के कारण आग लगने की घटना स्थल पर पहुंच पाना संभव नहीं था।
नहीं हो सका नगर सेना में मर्ज
पिछली सरकार ने दमकल वाहन की सेवाओं को नगर सेना में मर्ज करने का फैसला लिया था और इसके लिए कागजी औपचारिकताएं पूरी भी कर ली गई है। लेकिन अब तक दमकल वाहन को नगर सेना में मर्ज नहीं किया जा सका है। यहां कलेक्टर ने भी इसके लिए स्थानीय स्तर पर पत्र व्यवहार किया है।
इसके बावजूद भी मामला ठण्डे बस्ते में है। बताया जा रहा है कि अगर नगर सेना में उक्त व्यवस्था मर्ज हो जाती है तो कर्मचारियों की कमी को दूर किया जा सकता है। जबकि नगर पालिका में यह नहीं हो पा रहा है।
एसइसीएल का अलग बहाना
जिले में करीब 8 लाख की आबादी है। जिसमें 6 विकासखण्ड, 547 ग्राम पंचायत, 5 नगर पंचायत, 1 नगर पालिका है। जिसके बीच सूरजपुर में नगर पालिका के पास एक मिनी दमकल वाहन और सीमित कर्मचारी हैं। ऐसे में दमकल वाहन की हालत एक अनार सौ बीमार जैसी है।
चुनाव की प्राथमिकता न भी हो और एक साथ दो जगहों पर आगजनी की घटनाएं हो जाए तो समझा जा सकता है कि कैसे दोनों जगहों पर पहुंचना संभव होगा। पहले जब नगर पालिका के पास दमकल वाहनें नहीं थी तो एसइसीएल से आग बुझाने के लिए दमकल वाहन मिल जाती थी लेकिन जब से यहां नगर पालिका में उक्त वाहन उपलब्ध हुई है, तब से एसईसीएल की वाहनें खराब ही रहती है।
अब यह बहाना है या वास्तव में वाहन खराब रहती है। यह तो जांच का विषय हो सकता है। लेकिन जब भी आगजनी की घटना की सूचना एसइसीएल को दी गई है तो एसईसीएल ने दो टूक शब्दों में वाहन खराब होने की बात कहकर इससे पल्ला झाड़ लिया है।
23 मई तक रहेगा यही हाल
आज से चुनाव प्रचार अभियान के तहत जिले में नेताओं का धुआंधार दौरा है। मंगलवार को रामानुजनगर में भाजपा नेता रामविचार नेताम की सभा है तो बुधवार को बतरा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचेंगे। जबकि गुरुवार को टीएस सिंहदेव प्रेमनगर में चुनावी सभा लेंगे।
जाहिर है कि इन नेताओं के कार्यक्रमों में प्राथमिकता के तौर पर दमकल वाहन सुरक्षा की दृष्टि से भेजा जाएगा और ऐसे में अगर कहीं आग लगती है तो लोगों को आग बुझाने के लिए प्रशासन से मदद की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए। यहीं नहीं यह हाल आगामी 23 मई तक रहने वाला है। चूंकि 23 अप्रैल को मतदान के बाद 23 मई को मतगणना है और इस बीच ईव्हीएम मशीनों की सुरक्षा करना दमकल वाहन की प्राथमिकता है।