गौरतलब है कि 15 मई को ग्राम दवना में कुएं में एक अज्ञात युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। पुलिस की लाख कोशिश के बाद भी मृतक की शिनाख्त नहीं होने पर शव को दफना दिया गया था। इससे पूर्व पुलिस ने शव की फोटो शिनाख्त हेतु तमाम माध्यमों से वायरल करवाई थी।
इसी दौरान 18 मई को ग्राम पोड़ी निवासी मानसाय यादव पुलिस के पास पहुंचा और मृतक की फोटो देखकर उसे अपना पुत्र २२ वर्षीय सूरजचंद बताया। इस पर पुलिस ने कब्र खुदवाकर शव का पीएम कराया।
इसमें सिर पर चोट लगने से मौत होने की पुष्टि पर पुलिस ने मृतक के पिता से पूछताछ की तो पता चला कि 14 मई की शाम सूरज चंद अपने साथी बलिंदर के साथ शादी समारोह में शामिल होने के नाम पर ग्राम दवना गया था। उसके वापस नहीं आने पर परिजन ने बलिंदर से पूछताछ की तो वह गोल-मोल जवाब देने लगा।
परिजन ने पुलिस के समक्ष बलिंदर पर ही हत्या करने का संदेह जताया। फिर पुलिस ने जब ग्राम पोड़ी निवासी 22 वर्षीय बलिंदर सिंह पिता हीरासाय को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने सूरजचंद को कुएं में धकेल कर हत्या करने का जुर्म कबूल लिया।
इस पर पुलिस ने उसे धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया। अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में थाना प्रभारी विकेश तिवारी, एसआइ बीडी यादव, प्रधान आरक्षक लखेश साहू, देवनारायण यादव, रविंद्र भारती, आरक्षक अकरम मोहम्मद, अमलेश्वर, देवान सिंह व गणेश सिंह शामिल रहे।
विवाद के बाद ले ली जान
घटना दिवस 14 मई की शाम बलिंदर, सूरजचंद व राहुल को बाइक में लेकर ग्राम सरस्वतीपुर पहुंचा, फिर तीनों बाइक से ग्राम दवना बारात में पहुंचे। तीनों बारात में साथ में डांस किए। इसके बाद बलिंदर व सूरजचंद वहां से बाहर निकलकर कुछ दूर चले गए।
यहां बलिंदर ने सूरज चंद से मोबाइल मांगा और अपनी प्रेमिका से बात करने लगा, इस दौरान सूरज चंद भी युवती से बात करने लगा जो बलिंदर को अच्छा नहीं लगा, तभी बलिंदर बोला कि यहां शोर हो रहा है, किसी शांत जगह पर चलते हैं।
इस पर दोनों पंडाल से दूर एक कुएं के पास चले गए और यहां फिर बलिंदर सूरजचंद के मोबाइल से अपनी प्रेमिका से बात करने लगा, तभी सूरजचंद ने उसे कहा कि मैं भी उसे चाहता हूं, मेरी भी बात कराओ। इस बात पर दोनों के बीच विवाद हो गया और आरोपी ने सूरज चंद को कुएं में धकेल दिया। इससे उसकी मौत हो गई।