केन्द्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय द्वारा जल स्त्रोतों के संरक्षण एव संवर्धन के लिए जिले को वर्ष 2019 का नेशनल वाटर अवार्ड प्रदान किया जाएगा। इसमें जिले को ईस्ट अण्डर वाटर कन्जर्वेशन कैटेगरी पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है।
इस उपलब्धि पर कलक्टर रणबीर शर्मा (Surajpur collector) ने कहा कि यह हमारे सामूहिक प्रयास का प्रतिफल हैं। इससे हमें और अच्छा कार्य करने की प्रेरणा प्राप्त हुई हैं। आने वाले समय में जल संवर्धन एवं संरक्षण सहित अन्य क्षेत्रों में भी जिले के विकास के लिए बेहतर प्रयास किया जायेगा।
जिला पंचायत सीईओ आकाश छिकारा ने इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान में जल संरक्षण हेतु एनजीजीबी के नरवा परियोजना के अंतर्गत जिले में 64 नालों का विकास किया जा रहा है, जिसमें सिंचाई के लिए जल उपलब्धता बढ़ेगी व जल स्तर में भी वृद्धि होगी।
ज्ञात हो कि जिले में जल संरक्षण (Water conservation) एवं संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण कार्य कराए गए हैं जिससे कि सिंचाई व्यवस्था के साथ.साथ लोगो की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है साथ ही जल के स्तर में भी वृद्धि हुई है। जिले में लगभग 1 एक लाख 48 हजार 32 हेक्टेयर भूमि पर कृषि की जाती है।
विभिन्न विभाग एवं मनरेगा के तहत कुछ नाले के स्ट्रक्चर तैयार कर कार्य संभव किया गया है। मनरेगा के तहत लगभग 5 हजार 665 स्ट्रक्चर तैयार किया गया, जिससे कि लगभग 15199.8 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचित करने की संभावना बढ गई हैं। इसमें कुआं, तालाब, बांध इत्यादि के कार्य कराए गए हैं।
जल स्तर में वृद्धि के लिए तैयार किए गए कई स्ट्रक्चर
सिंचाई और जल स्तर में वृद्धि करने हेतु विभिन्न स्ट्रक्चर तैयार किया गया। ग्रामों में बिजली न होने के बावजूद क्रेडा द्वारा लगभग 2237 सोलर पैनल एवं पंप लगाया गया जो वर्षा के सही समय पर न होने से सिंचाई हेतु किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है।
सिंचाई और जल स्तर में वृद्धि करने हेतु विभिन्न स्ट्रक्चर तैयार किया गया। ग्रामों में बिजली न होने के बावजूद क्रेडा द्वारा लगभग 2237 सोलर पैनल एवं पंप लगाया गया जो वर्षा के सही समय पर न होने से सिंचाई हेतु किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है।
जिले में ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए लगभग 2079 विभिन्न स्ट्रक्चर जैसे कि गली प्लग, एलबीसीडी गैबीआन स्ट्रक्चर परकोलेशन टैंक, रिचार्ज पिट तैयार किये गए । यह सभी स्ट्रक्चर तैयार करने से जिले में 156910 क्यूब मीटर जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है।
जिले में जल स्तर वृद्धि के संदर्भ में लगभग 3120 पक्के शासकीय बिल्डिंग में रैन वाटर हार्वेस्टिंग लगाया गया तथा लगभग 9695 नलकूप के सामने सोक पीट का निर्माण किया गया है। जिले में वेस्ट वाटर को रीयूज करने हेतु विभिन्न स्कूलों एवं छात्रावासों में वेस्ट वाटर का उपयोग कर लगभग 383 किचन गार्डन बनाया गया है, जिससे की स्कूलों और छात्रावासों में ताजी सब्जियां उपलब्ध हुर्इं हैं।
इसके साथ ही माइन वाटर यूटिलाइजेशन से लगभग 19189 केएलडी वाटर उपलब्ध कराया गया जिससे कि लगभग 20 हजार किसान लाभान्वित हुए हैं और 430 हेक्टेयर में सिचाई व्यवस्था कराई गई है।
156 हितग्राहियों को आजीविका कार्य से जोड़ा गया
केनापारा में बोटिंग शुरू करवा कर लाइवलीहुड कार्यक्रम की तैयारी की गई जिसमें 156 हितग्राहियों को आजीविका कार्य से जोड़ते हुए उन्हें आर्थिक सशक्त बनाया गया और जल संवर्धन की दिशा में एक अनूठा प्रयास जिला प्रशासन ने किया है। इसके अतिरिक्त जिले में फ्लोराइड के कारण सही पानी नहीं होने से शुद्ध पेयजल मुहैया कराने हेतु 4 प्लांट स्थापित किये गए जिससे क्षेत्र के लोगों को साफ और फ्लोराइड रहित पानी प्राप्त हो सका है।
156 हितग्राहियों को आजीविका कार्य से जोड़ा गया
केनापारा में बोटिंग शुरू करवा कर लाइवलीहुड कार्यक्रम की तैयारी की गई जिसमें 156 हितग्राहियों को आजीविका कार्य से जोड़ते हुए उन्हें आर्थिक सशक्त बनाया गया और जल संवर्धन की दिशा में एक अनूठा प्रयास जिला प्रशासन ने किया है। इसके अतिरिक्त जिले में फ्लोराइड के कारण सही पानी नहीं होने से शुद्ध पेयजल मुहैया कराने हेतु 4 प्लांट स्थापित किये गए जिससे क्षेत्र के लोगों को साफ और फ्लोराइड रहित पानी प्राप्त हो सका है।
इसके अलावा जिले में बायोगैस प्लांट लगाए गए जिससे लोगों को मुफ्त में गैस दिया गया, उसके बदले केवल उन्हें अपने घरों से वेस्ट पानी और गोबर लॉकर प्लांट में डालना होता है। इस प्लांट से लगभग 185 हितग्राही के घर मे गैस प्रदान किया गया है।