बरसात के दिनों में पानी निकासी हेतु जहां पुलिया की आवश्यकता है वहां भी मिट्टी डाल कर समतल कर दिया गया है। वहीं नागरिक सूचना पटल भी नहीं लगाया गया है। ठेकेदार के मनमानी (Arbitrary of contractor) व निर्माण कार्य में लेटलतीफी से ग्रामीण जन परेशान है।
बहुप्रतीक्षित मार्ग बड़सरा चौक से जिला कोरिया सीमा तक दूरी 3.60 किलोमीटर राशि 305.14 लाख रुपए की अप्रैल में प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी। ठेकेदार को इस कार्य को 9 माह में पूर्ण करना था लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद दिसंबर में कार्य प्रारंभ हुआ वह भी 15 दिवस बाद बंद हो गया क्योंकि जनप्रतिनिधियों के द्वारा भूमि पूजन नहीं कराया गया था।
इस प्रकार ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य में लेटलतीफी व मनमानी की जा रही है जिसका खामियाजा राहगीरों वह रहवासियों को धूल के गुबार के रूप में भुगतना पड़ रहा है। घरों में धूल की परत बिछ गई है।
मिट्टी को डालकर लगभग 1 किमी सड़क बनाई गई है, लेकिन उसमें एक बार भी आज तक पानी का छिड़काव नहीं किया गया है। नागरिक सूचना पटल नहीं लगाने के कारण कितने पुल पुलिया नाली की जानकारी नागरिकों को नहीं मिलती है। बनाए गए 1 किलोमीटर में 2 स्थानों पर पुलिया की आवश्यकता है लेकिन वहां भी मिट्टी डालकर बराबर कर दिया गया है। इस पर विभाग फिलहाल मौन साधा हुआ है।
1 किमी सड़क बनने के बाद भूमिपूजन
निर्माणाधीन सड़क से जहां ग्रामीण व राहगीर धूल की परेशानी झेल रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधि इस बात से नाराज हैं कि बिना भूमि पूजन कराए कार्य प्रारंभ कर दिया गया। अंतत: ठेकेदार द्वारा बीते शुक्रवार को क्षेत्र के विधायक व संसदीय सचिव पारसनाथ राजवाड़े द्वारा भूमि पूजन कराया गया।
ठेकेदार (Constractor) के सुस्त रवैये से यह सड़क ग्रामीणों को कब मिलेगी यह कह पाना मुश्किल है। वर्तमान में मिट्टी डालने का कार्य चल रहा है।