यहां 15 मई को उसकी मौत हो गई। रात में ही उसका शव उसके गृहग्राम पहुंचा। सुबह परिजनों शव का अंतिम संस्कार करीब 3-4 घंटे तक नहीं किया। बाद में शक्कर कारखाने के चेयरमैन व जीएम पहुंचे। उनकी समझाइश व तात्कालिक सहायता राशि दिए जाने के बाद घरवालों ने उसका अंतिम संस्कार किया।
गौरतलब है कि सूरजपुर जिले के ग्राम केरता निवासी संजय 23 वर्ष मां महामाया शक्कर कारखाना में मजदूरी करता था। 10 मई को शक्कर की बोरियां 6 मजदूरों पर गिर गई थीं, हादसे में संजय समेत अन्य 6 मजदूर घायल हो गए थे।
इनमें से संजय व मनोहर नामक मजदूर की गंभीर हालत को देखते हुए अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां संजय की नाजुक हालत को देखते हुए रायपुर रेफर कर दिया गया था। इसी बीच संजय की रायपुर अस्पताल में 15 मई को मौत हो गई।
उसका शव रात में घर पहुंचा। शनिवार (16 मई) की सुबह करीब 10 बजे तक परिजन शव का अंतिम संस्कार करने नहीं ले गए। उन्होंने युवक की मौत की शिकायत खडग़वां चौकी में भी दी।
50 हजार रुपए दी गई तात्कालिक सहायता राशि
परिजनों का कहना था कि जब तक उन्हें क्षतिपूर्ति नहीं दी जाती, तब तक वे शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। वहीं कारखाना के चेयरमैन से भी बात करने पर परिजन अड़े थे। सूचना मिलते ही चेयरमैन विद्यासागर सिंह व प्रशासन की ओर से जीएम विजय सिंह उइके गांव पहुंचे।
यहां उन्होंने मृतक के बड़े भाई को कारखाने में मजदूर की ही नौकरी तथा अंतिम संस्कार के लिए 50 हजार रुपए की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की। वहीं उन्होंने और हरसंभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन अंतिम संस्कार करने शव ले गए।
2 और मजदूर घायल
गौरतलब है कि शुक्रवार को काम के दौरान शक्कर कारखाने में काम कर रहे 2 और मजदूर घायल हो गए। दोनों को मामूली चोट आई थी। उनका इलाज अस्पताल में जारी है।