scriptसंजीवनी का 15 घंटे किया इंतजार, फिर पिकअप में लदकर बॉटल सहित पहुंचा मरीज | Surajpur : 15 hours waited Sanjivani then the patient arrived in pickup with sline | Patrika News

संजीवनी का 15 घंटे किया इंतजार, फिर पिकअप में लदकर बॉटल सहित पहुंचा मरीज

locationसुरजपुरPublished: Aug 30, 2017 02:36:00 pm

उल्टी-दस्त से पीडि़त मरीज को रेफर करने के बाद जिला अस्पताल लाने परिजन को 15 इंतजार के बाद भी नहीं मिली संजीवनी 108 की सुविधा

patient in pickup

patient in Pickup

सूरजपुर. जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का आंकलन इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां दूरस्थ अंचल के ग्रामीणों को समय पर एम्बुलेंस नहीं मिलती और 15 घण्टे के लम्बे इंतजार के बाद भी मालवाहक वाहन से इलाज कराते हुए जिला चिकित्सालय पहुंचना पड़ रहा है। मंगलवार को स्वास्थ्य सुविधा की बदहाली का ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला जब एक उल्टी-दस्त पीडि़त ग्रामीण रेफर किए जाने के बाद संजीवनी नहीं मिलने की वजह से बॉटल चढ़ी अवस्था में पिकअप से जिला अस्पताल पहुंचा।
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है। 108 हो या शव वाहन, सूचना देने के 10 घंटे बाद भी जन सामान्य को नसीब नहीं हो रहे हैं। इसी प्रकार संजीवनी एक्सप्रेस की तो जिले में सबसे बदतर हालत है। पूरी रात इंतजार करने के बाद भी लोगों को 108 सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है और पिकअप वाहन से मरीज को इलाज कराने जिला चिकित्सालय तक ले जाना पड़ रहा है।

किराए पर ली पिकअप
प्रेमनगर विकासखण्ड के ग्राम श्यामपुर निवासी शोभनराम उल्टी-दस्त से पीडि़त था। उमेश्वरपुर स्वास्थ्य केन्द्र में प्राथमिक उपचार के बाद शोमन की हालत में सुधार न होने पर उसे जिला चिकित्सालय रेफर किया गया, गरीब एवं बेबस परिजनों ने संजीवनी वाहन की सुविधा के लिए 108 नंबर पर सम्पर्क किया और वस्तुस्थिति से अवगत कराया। १५ घंटे के इंतजार के बावजूद संजीवनी नहीं पहुंची।
फिर परिजन ने थक-हारकर पड़ोस के गांव से पिकअप वाहन दो हजार रुपए में बुक की और उसे मालवाहक वाहन से 40 किलोमीटर का सफर तय कर बॉटल चढ़ी अवस्था में सूरजपुर लाया गया। जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का काफी बुरा हाल है। जिले के दूरस्थ अंचलों में तो स्वास्थ्य सुविधा की हालत काफी खराब है। यहां तो अक्सर ासमय पर उपचार नहीं मिल पाने की वजह से मरीज दम तोड़ देते हैं।

फोटो खींचते देख चिकित्सकों ने किया एडमिट
मालवाहक पिकअप वाहन में बोतल चढ़ते देख पत्रिका की टीम ने जब पीडि़त की फोटो खींची तो अस्पताल प्रबंधन हरकत में आ गया। तत्काल शोमन राम को उतारकर वार्ड में शिफ्ट कर उसका इलाज शुरू किया गया। परिजनों ने बताया कि 15 घण्टे तक एम्बुलेंस के लिए उन्होंने जनप्रतिनिधियों के माध्यम जगह-जगह सम्पर्क किया, लेकिन उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिली और पिकअप वाहन से उन्हें जिला चिकित्सालय आना पड़ा।
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